सीएम देवेंद्र की ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ संकल्पना (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mumbai News: महाराष्ट्र सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने मातृ एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहल और संकल्पना से शुरू किए गए “प्रोजेक्ट सुविता” के तहत 50 लाख से अधिक बच्चों के माता-पिता का पंजीकरण पूरा किया गया है। इसके साथ ही 40 लाख गर्भवती महिलाएँ भी इस कार्यक्रम से जुड़ चुकी हैं। कुल मिलाकर यह कार्यक्रम राज्य में अब तक 94 लाख लाभार्थियों तक पहुँच चुका है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े राज्य-नियंत्रित और व्यवहार-विज्ञान आधारित स्वास्थ्य संचार कार्यक्रमों में से एक बन गया है।
जुलाई 2021 से राज्य सरकार ने गैर-लाभकारी संस्था डेवलपमेंट कंसोर्टियम-प्रोजेक्ट सुविता के सहयोग से एसएमएस रिमाइंडर कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अंतर्गत बच्चों के समय पर टीकाकरण तथा गर्भवती महिलाओं के लिए मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने हेतु लाभार्थियों को व्यक्तिगत और समय पर एसएमएस संदेश भेजे जाते हैं। प्रत्येक संदेश में टीके का नाम, यह किन बीमारियों से बचाव करता है, और नज़दीकी स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करने का आह्वान शामिल होता है।
यह पहल व्यवहार-विज्ञान अनुसंधान पर आधारित है, जो लाभार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने के लिए सक्रिय रूप से प्रेरित करती है। वैश्विक शोध (अमेरिका, केन्या, नाइजीरिया आदि) के अनुसार, एसएमएस रिमाइंडर से टीकाकरण न कराने वाले बच्चों का प्रतिशत लगभग 15% तक कम हो जाता है। महाराष्ट्र में प्रोजेक्ट सुविता के सर्वेक्षणों से भी यही निष्कर्ष सामने आए हैं। एसएमएस संदेशों से अभिभावकों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी में बढ़ोतरी हुई है, और वे समय पर टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुँच रहे हैं।
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रोजेक्ट सुविता के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन पर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी है। उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों और प्रोजेक्ट सुविता टीम की सराहना की है। सरकार ने साझेदारी के इस मॉडल को आगे भी जारी रखते हुए राज्य में टीकाकरण कवरेज 95% से अधिक करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।