मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के पालक सह मंत्रियों का पावर बढ़ाकर पालक मंत्रियों के पावर का बांटने वाला निर्णय लिया है । उन्होंने पालक मंत्रियों की नियुक्ति के लगभग 8 महीनों बाद यह स्पष्ट कर दिया है कि सह पालक मंत्रियों को भी जिले में पेश आने वाली शिकायतों के समाधान का अधिकार है । राज्य के सियासी गलियारे में इसे पालक मंत्रियों के पावर का बंटवारा कहा जा रहा है । इसे उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के प्रकाश आबीटकर, अजीत पवार की राकां के मकरंद पाटिल और बीजेपी के आशीष शेलार के लिए झटका माना जा रहा है ।
सीएम फडणवीस ने इसी साल जनवरी महीने में पालक मंत्रियों की नियुक्ति के समय तीन जिलों (मुंबई उपनगर, कोल्हापुर और बुलढाणा) में सह-पालक मंत्रियों की नियुक्ति की थी। उन्होंने मंगल प्रभात लोढ़ा को मुंबई उपनगरीय जिले, माधुरी मिसाल को कोल्हापुर जिले के लिए सह-पालक मंत्री नियुक्त किया था । बाद में, कपड़ा मंत्री संजय सावकारे को बुलढाणा जिले के लिए सह-पालक मंत्री बनाया गया । लेकिन सरकार में सह-पालक मंत्रियों के काम को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। अब आठ महीने बाद सरकार ने सह-पालक मंत्रियों की जिम्मेदारी स्पष्ट कर दी है अर्थात सह-पालक मंत्रियों की विशिष्ट जिम्मेदारी अब तय कर दी गई है।
मुख्यमंत्री और पालक मंत्री द्वारा सौंपे गए मामलों की अनुवर्ती कार्रवाई का कार्य सह-पालक मंत्रियों को सौंपा गया है । इसके साथ-साथ यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जिलों में नियुक्त सह पालक मंत्रियों को भी शिकायतों के समाधान का अधिकार है।
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गौरतलब हो कि कोल्हापुर जिले में शिंदे गुट के प्रकाश आबीटकर, बुलढाणा में राकां (अजीत पवार) के मकरंद जाधव-पाटिल और मुंबई उप नगर में बीजेपी के आशीष शेलार पालक मंत्री हैं । राज्य में सह-पालक मंत्रियों की नियुक्ति की प्रथा 2014 में शुरू हुई थी ।