मुंबई वन मंत्री नाईक (pic credit; social media)
Maharashtra News: राज्य के वन मंत्री और पालघर जिले के संरक्षक मंत्री गणेश नाईक ने प्रशासन को सड़कों पर गड्ढे तुरंत भरने का आदेश दिया है ताकि भक्तों को गणेशोत्सव के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
मंत्री नाईक की अध्यक्षता में आज ठाणे के राम गणेश गडकरी रंगायतन में जनता दरबार आयोजित किया गया था। इस जनता दरबार में नागरिकों ने विभिन्न मुद्दों पर 200 से अधिक निवेदन प्राप्त हुए। इनमें से अधिकांश निवेदन पर उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देकर कार्रवाई की गई।
प्रताप सरनाईक का आज ठाणे में तीसरा जनता दरबार था। उक्त जनता दरबार में नागरिकों ने नागरिक समस्याओं, प्रशासन द्वारा किए गए। अन्याय और विभिन्न समूहों की लंबित मांगों पर अपने निवेदन दिए, जनता दरबार में चोड़बंदर मार्ग और ठाणे के अन्य स्थानों पर क्षतिग्रस्त सड़कों का मुद्दा उठाया गया और कहा गया कि वाहनों की संख्या बढ़ी है, लेकिन सड़कों की क्षमता पहले जितनी ही है, इसलिाएसड़कें खराच हो गई हैं।
गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान ठाणे शहर और घोड़बंदर इलाके में यातायात की भीड़ को रोकने के लिए ठाणे पुलिस ने घोड़बंदर इलाके में भारी वाहनों के प्रवेश पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। ठाणे यातायात पुलिस की अधिसूचना में कहा गया है कि 28 अगस्त, 31 अगस्त, 2 सितंबर और सितंबर को भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।
उरण जेएनपीए बंदरगाह से ठाणे शहर होते हुए भिवंडी, बर्स्ट और गुजरात की ओर हजारों भारी वाहनों का आवागमन होता है। भारी वाहनों को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक और रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ठाणे आयुक्तालय क्षेत्र में प्रवेश की अनुमत्ति है, बाकी समय प्रवेश वर्जित है।
ठाणे शहर में संकरी सड़कों, गड्डी और सरकारी परियोजनाओं के कारण ठाणे वासियों को हर दिन जाम का सामना करना पड़ता है। भारी वाहन जाम को और बड़ा देते हैं। ठाणे में सार्वजनिक गणेशोलरव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इसलिए, गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जुलूस भी निकाले जाते हैं।
मंत्री नाईक ने बताया कि घोड़बंदर मार्ग पर मेट्रो का काम चल रहा है, नई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने मनपा, लोक निर्माण विभाग और राज्य सड़क विकास महामंडल के अधिकारियों को गणेश चतुर्थी से पहले सभी सड़कों पर हुए गड्डों को भरने का निर्देश दिया। जनता दरबार में ठाणे में कुछ पुनर्विकास परियोजनाओं में लाभार्थी निवासियों को घर नहीं मिलने की शिकायतें की गई थीं। उन्होंने मनपा के अधिकारियों को इसकी जांच करने और संबंधित शिकायत कर्ताओं को घर उपलब्ध कराने का आदेश दिया।