मछुआरा संघ निजी कंपनी विरोध (pic credit; social media)
Maharashtra News: केंद्रीय मत्स्य विभाग द्वारा जारी ‘उच्च समुद्र में मत्स्य पालन के सतत दोहन हेतु दिशानिर्देश, 2025’ के मसौदे ने महाराष्ट्र के पारंपरिक मछुआरा समुदाय में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। इस मसौदे पर 30 अगस्त तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई थीं।
मसौदे के अनुसार भारतीय ध्वजधारी जहाजों को भारतीय जल क्षेत्र से बाहर मछली पकड़ने के लिए प्राधिकार पत्र (LOA) जारी किए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक जहाज को 25 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी होगी। मछुआरा संघ का आरोप है कि यह शर्तें छोटे मछुआरों को किनारे कर केवल बड़ी निजी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई हैं।
अखिल महाराष्ट्र मछुआरा कार्रवाई समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दामोदर तांडेल ने कहा कि पारंपरिक मछुआरों के लिए ये शर्तें पूरी करना असंभव है। समिति ने अपनी मांगों में कहा है कि
समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बर्नार्ड डिमेलो ने कहा कि यदि सरकार ने सुरक्षा और संरक्षण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो मछुआरे पूंजी की पकड़ में आ जाएंगे। वहीं महासचिव संजय कोली ने चेतावनी दी कि यदि मसौदे में संशोधन नहीं हुआ तो पारंपरिक मछुआरे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।