शरद पवार व मंगेश आमले (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sharad Pawar News: महानगर पालिका के चुनाव को देखते हुए नवी मुंबई में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने अब अपने आप को एक बार फिर से मजबूत करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हालांकि एक समय ऐसा था, जब गणेश नाईक के नेतृत्व में नवी मुंबई मनपा में एनसीपी की सत्ता थी, किंतु गणेश नाईक के पार्टी छोड़ने के बाद तथा पार्टी में दो फाड़ होने की वजह से पार्टी की स्थिति बेहद कमजोर हालत में पहुंच गयी है।
बदले राजनीतिक हालात में इस पार्टी के लिए जिला अध्यक्ष मिलना भी मुश्किल हो गया था, जिसकी वजह से नए चेहरे डॉ. मंगेश आमले को नवी मुंबई जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपनी पड़ी।
बता दें कि मंगेश आमले ने विधानसभा चुनाव के समय पार्टी से बगावत कर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और मुश्किल से ढाई हजार वोट हासिल किए थे, किंतु अब मंगेश आमले का अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद मंगेश आमले ने पार्टी को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है।
शिवसेना में अनबन होने के बाद गणेश नाईक शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। शरद पवार के मजबूत समर्थन और गणेश नाईक के प्रभावी नेतृत्व के कारण वर्ष 2000 से 2015 तक नवी मुंबई में एनसीपी पार्टी का एकछत्र वर्चस्व रहा।
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2014 में नरेंद्र मोदी लहर में गणेश नाईक को बेलापुर विधानसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी, 2015 में हुए नगर मनपा चुनावों में नाईक एनसीपी को नवी मुंबई में सत्ता दिलाने में कामयाब रहे।
देश भर में नरेंद्र मोदी के बढ़ते प्रभाव, राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व और पालकमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के जाति-आधारित फोकस के बावजूद, गणेश नाईक ने नवी मुंबई मनपा में जीत हासिल की, किंतु 2014 की हार के बाद गणेश नाईक का मनोबल कमजोर हो गया। बेलापुर विधानसभा सीट पर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
बाद में गणेश नाईक ने साल 2019 में भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया, हालांकि गणेश नाईक के पार्टी छोड़ने के बाद भी पवार की पार्टी का शहर के कुछ हिस्सों में प्रभाव बना रहा। लेकिन हाल के विधानसभा चुनावों के बाद, इस पार्टी ने नवी मुंबई मनपा क्षेत्र में अपनी पकड़ लगभग खो दी है।