बृहन्मुंबई महानगर पालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को वायु प्रदूषण पर नियंत्रण में विफल रहने को लेकर बीएमसी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘बीएमसी कुछ भी नहीं कर रही है’ और आंखें मूंदे बैठी है।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखाडे की पीठ ने कहा कि आप कुछ भी नहीं कर रहे हैं। न्यूनतम स्तर पर भी आप काम नहीं कर रहे हैं।
वायु प्रदूषण कम करने के लिए न तो आपकी कोई मंशा दिखती है और न ही कोई योजना, इससे स्पष्ट है कि अदालत के आदेशों और नियमों को लागू करने के बारे में आपने बिल्कुल भी विचार नहीं किया है।
वायु प्रदूषण पर कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए बीएमसी और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (एमपीसीबी) को लगातार तीसरे दिन सुनवाई के दौरान जमकर लताड़ लगाई है।
कोर्ट ने जोर देकर कहा कि बीएमसी के पास नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के पर्याप्त अधिकार हैं, लेकिन उन्हें लागू करने की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है। कोर्ट ने बीएमसी को याद दिलाया कि उसके पास 28-बिंदुओं के दिशा-निर्देश हैं, लेकिन उनका सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है।
जब बीएमसी की ओर से वकील एस।यू। कामदार ने कहा कि कारण बताओ नोटिस और काम रोकने के नोटिस जारी किए गए हैं, तो अदालत ने टिप्पणी की कि सिर्फ नोटिस जारी करना समाधान नहीं है। पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति क्यों आए कि कोई नियमों का उल्लंघन करता रहे और फिर आप नोटिस जारी करें, इसके बाद कार्रवाई करें?
यह व्यवस्था निवारक होनी चाहिए, न कि उपचारात्मक। कोर्ट ने निरंतर निगरानी की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मंगलवार के निर्देशों के अनुपालन में बीएमसी ने बताया कि उसकी 91 विशेष दस्तों में से 39 दस्तों ने 39 स्थलों का दौरा किया। कोर्ट के एक प्रश्न पर कामदार ने कहा कि शेष अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर होने के कारण उपलब्ध नहीं थे।
इस पर नाराजगी जताते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि बीएमसी को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इन अधिकारियों को छूट मांगनी चाहिए थी। पीठ ने कहा कि यदि सभी अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर थे, तो आपको चुनाव आयोग से आवेदन करना चाहिए था कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और अदालत इस पर सुनवाई कर रही है।
इस पर एनजीओ ‘वनशक्ति’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जनक द्वारकादास ने टिप्पणी की कि जीवन का अधिकार चुनाव ड्यूटी के अधीन हो गया है। अदालत ने फिर दोहराया कि नगर निकाय अपने व्यापक अधिकारों का उपयोग नहीं कर रहा है और तत्काल अमल के लिए कोई ठोस प्रस्ताव पेश करने में विफल रहा है।
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तत्काल अमल की कोई योजना पेश न किए जाने पर हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है। उम्मीद है कि बीएमसी अगले कुछ हफ्तों में वायु प्रदूषण कम करने की अपनी कार्ययोजना अदालत के सामने पेश करेगी।