प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai Gas Dealer Fraud Case: मुंबई के मलाड के गैस डीलर राहुल गुप्ता को फर्जी ‘जॉइंट सीपी’ और ‘पुलिस कमिश्नर’ का डर दिखाकर शातिर ठगों ने करोड़ों रुपये लूट लिए। एनकाउंटर और परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी से टूटकर पीड़ित घर छोड़कर भाग गया था, जिसे पुलिस ने सुरक्षित बरामद कर लिया है।
मुंबई के मलाड पूर्व निवासी 39 वर्षीय राहुल गुप्ता, जो भारत पेट्रोलियम के एक बड़े गैस डीलर हैं, एक सुनियोजित साजिश का शिकार हो गए। इस ठगी की नींव तब रखी गई जब उनके गोदाम पर चंदा मांगने आने वाले प्रवीण खेडेकर नाम के व्यक्ति ने उनसे कुछ हजार रुपये उधार लिए। इसके बाद राहुल को एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का ‘जॉइंट सीपी’ बताया। जालसाज ने आरोप लगाया कि प्रवीण खेडेकर ने एक हत्या की है और राहुल ने उसे इसकी ‘सुपारी’ (अनुबंध राशि) दी है।
गिरफ्तारी के डर से राहुल ने ठगों के कहे अनुसार धनजेवाड़ी बीएमसी गार्डन के पास एक व्यक्ति को 50 हजार रुपये नकद दे दिए। इसके बाद ठगों ने अपना जाल और फैलाना शुरू किया। कभी केस दबाने के नाम पर तो कभी पुलिस कमिश्नर से ‘सेटिंग’ कराने के नाम पर राहुल से अंधेरी फ्लाईओवर के पास 7 लाख रुपये और ऐंठ लिए गए।
ठगी का यह खेल यहीं नहीं रुका। इसके बाद ठगों ने खुद को पुलिस कमिश्नर बताकर राहुल को फोन किया और धमकी दी कि यदि उन्होंने 20 लाख रुपये और नहीं दिए, तो उनका एनकाउंटर कर दिया जाएगा और उनके परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा। डर के मारे राहुल ने अपनी जमा-पूंजी लुटाना जारी रखा।
बाद में, अविनाश शिंदे नाम के एक और कथित अधिकारी ने फोन कर केस सेटल करने के नाम पर फिर से लाखों की मांग की। राहुल ने एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को किश्तों में करीब 80 लाख रुपये नकद सौंपे और बाकी की राशि आरोपियों द्वारा बताए गए विभिन्न बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी। कुल मिलाकर ठगों ने करीब 1 करोड़ रुपये की राशि हड़प ली।
लगातार धमकियों और आर्थिक बोझ से मानसिक रूप से टूट चुके राहुल 15 दिसंबर को बिना किसी को बताए घर से निकल गए। पुलिस को अंदेशा है कि वह आत्महत्या करने का विचार कर रहे थे। उनकी पत्नी की शिकायत पर दिंडोशी पुलिस ने जांच शुरू की और 19 दिसंबर को उन्हें पालघर के दहानू रेलवे स्टेशन से सुरक्षित बरामद किया।
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राहुल का बयान दर्ज करने के बाद, पुलिस ने चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ बीएनएस (BNS) की धारा 308(4), 308(5), 308(6) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज के जरिए इस गिरोह की तलाश कर रही है।
इस पूरे मामले को एक ऐसे मकड़जाल की तरह समझा जा सकता है, जिसमें पीड़ित जितना बचने की कोशिश करता गया, डर और धमकियों की वजह से वह उतना ही गहराई में फंसता चला गया।