महाराष्ट्र बुलेट ट्रेन परियोजना (PIC CREDIT; SOCIAL MEDIA)
Mumbai-Ahmedabad bullet train: भारत की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना ने महाराष्ट्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शनिवार को पालघर जिले के साखरे गांव में इस कॉरिडोर का पहला फुल स्पैन प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (PSC) बॉक्स गर्डर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह तकनीक अब तक गुजरात में ही इस्तेमाल हो रही थी, जहां 319 किलोमीटर वांगाडक्ट पूरा किया जा चुका है। महाराष्ट्र में इस लॉन्च के साथ ही बुलेट ट्रेन परियोजना ने नई रफ्तार पकड़ ली है।
फुल स्पैन बॉक्स गर्डर एक खोखले बॉक्स के आकार का होता है जिसे एक ही बार में पूरे पुल की लंबाई के लिए बनाया और स्थापित किया जाता है। इससे निर्माण कार्य सेगमेंटल गर्डर की तुलना में लगभग 10 गुना तेजी से पूरा होता है। इस तकनीक में 300 क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 42 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया। भारी मशीनों जैसे स्टैडल वैरियर, ब्रिज लॉन्चिंग गैन्ट्री और गर्डर ट्रांसपोर्टर की मदद से इन्हें पुल पर स्थापित किया गया।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का 156 किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र से होकर गुजरता है। इसमें से 135 किलोमीटर का हिस्सा शीलावटा से वरोली तक ऊंचे पुलों (वांगाडक्ट) के रूप में बनेगा। कुल 2,575 फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स लगाए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक 40 मीटर लंबा और लगभग 970 मीट्रिक टन वजनी होगा। महाराष्ट्र में अब तक 48 किलोमीटर पिवर तैयार किए जा चुके हैं। ठाणे, विरार और बेइसर स्टेशनों पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है।
परियोजना की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती मुंबई के कुर्ला कॉम्प्लेक्स से शीलपाटा तक बनने वाली 21 किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग है, जिसमें से 7 किलोमीटर हिस्सा ठाणे क्रीक के नीचे समुद्र के भीतर होगा। कुल 21 किलोमीटर में से 16 किलोमीटर सुरंग टनल बोरिंग मशीन से और 5 किलोमीटर ‘न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड’ से बनाई जा रही है। अभी तक 4.65 किलोमीटर सुरंग खोदी जा चुकी है।
बुलेट ट्रेन का मुंबई स्टेशन बा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बनेगा। परियोजना पूरी होने के बाद मुंबई से अहमदाबाद की दूरी मात्र 2 घंटे में तय होगी। वर्तमान में यही सफर ट्रेन से लगभग 5-7 घंटे और सड़क मार्ग से 8 घंटे का है। इस परियोजना से न केवल यात्रियों को समय की बचत होगी, बल्कि मुंबई, वाणे, विरार और बंदर जैसी जगहों पर रियल एस्टेट और आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।