मीठी नदी
Mumbai News: शहर की एक अदालत ने महानगर से गुजरने वाली मीठी नदी की सफाई के लिए जारी 65 करोड़ रुपये ठेके में ‘‘घोटाला” करने के मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिए और एक कंपनी के सीईओ केतन कदम को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि अपराध में उनकी प्रत्यक्ष संलिप्तता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन जी शुक्ला ने घोटाले से जुड़ी साजिश के ‘‘सूत्रधार” बताए जा रहे कदम की जमानत याचिका 14 अक्टूबर को खारिज कर दी। इस आदेश की विस्तृत प्रति बृहस्पतिवार (16 अक्टूबर) को उपलब्ध कराई गई। यह दूसरी बार है जब कदम को सत्र अदालत ने ज़मानत देने से इनकार कर दिया। पुलिस द्वारा मामले में आरोपपत्र दायर किए जाने के बाद कथित बिचौलिए ने नई ज़मानत याचिका दायर की थी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 2019 से 2024 तक निविदाएं आमंत्रित करके विभिन्न कंपनियों को कई स्थानों पर मुंबई से होकर बहने वाली मीठी नदी से गाद निकालने का ठेका दिया था।
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इसमें आरोप लगाया गया है कि विर्गो स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कदम ने बीएमसी अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ मिलकर निविदा में ऐसे नियम और शर्तें शामिल कीं, जिससे ठेकेदारों को उनकी फर्म से मशीन किराए पर लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।