मां के खिलाफ FIR दर्ज (pic credit; social media)
Minor Driving Speeding Car in Mulund: मुलुंड इलाके में देर रात तेज रफ्तार से कार दौड़ाना एक नाबालिग को भारी पड़ गया। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और जांच में पता चला कि वह महज 16 साल का है। अब इस मामले में पुलिस ने किशोर की मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
मुलुंड पुलिस के अनुसार, रविवार की रात करीब साढ़े बारह बजे गश्त के दौरान एक हेड कॉन्स्टेबल ने तेज रफ्तार से जाती हुई एक महंगी कार को देखा। कार की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि पुलिसकर्मी ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन ड्राइवर ने रोकने की बजाय गाड़ी और तेज कर दी। कुछ दूरी तक पीछा करने के बाद पुलिस ने आखिरकार कार को रोक लिया।
जांच के दौरान ड्राइवर से जब लाइसेंस मांगा गया तो वह कुछ दिखा नहीं सका। पूछताछ में उसने खुद को 18 साल का बताया, लेकिन पुलिस को शक हुआ। उसे पुलिस स्टेशन लाया गया और आयु की पुष्टि के लिए उसके माता-पिता को बुलाया गया। मां के लाए गए दस्तावेजों में पता चला कि लड़का वास्तव में 16 साल 7 महीने का है।
किशोर के पिता उस समय शहर से बाहर थे। इसलिए पुलिस ने उसकी मां के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 199(ए) के तहत मामला दर्ज किया है, जो नाबालिग को वाहन चलाने देने पर लागू होती है। अधिकारी ने बताया कि यह केवल ट्रैफिक उल्लंघन नहीं बल्कि गंभीर अपराध है, क्योंकि इससे किसी की जान भी जा सकती थी।
पुलिस का कहना है कि अगर नाबालिगों को इस तरह वाहन चलाने दिया गया तो यह समाज के लिए खतरनाक उदाहरण बनेगा। अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति न दें।
पिछले कुछ महीनों में शहर में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के कई मामले सामने आए हैं। पुणे और ठाणे में भी इसी तरह की घटनाओं के बाद पुलिस ने सख्ती शुरू की है। इस घटना के बाद फिर सवाल उठ रहा है कि माता-पिता आखिर बच्चों को इतनी जिम्मेदारी के साथ क्यों नहीं रोकते?
मुलुंड पुलिस अब जांच कर रही है कि कार परिवार की थी या किसी परिचित से ली गई थी। फिलहाल किशोर को परामर्श के बाद बाल कल्याण अधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा।