महायुति सरकार (pic credit; social media)
Maharashtra Local Body Election: महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां अजीत पवार के गठबंधन वाली महायुति में आपसी समन्वय और विश्वास को बहाल करने के उद्देश्य से गठबंधन के घटक दलों के बीच नेताओं और कार्यकर्ताओं की ‘फोड़ा-फोड़ी’ (दल-बदल) पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया गया है।
यह निर्णय स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान बीजेपी और शिवसेना के बीच हुई तीखी बयानबाजी और तकरार के बाद आया है, जिसने गठबंधन के भविष्य को लेकर कुछ गलतफहमियां पैदा कर दी थीं। इससे जनता में गलत संदेश गया और विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का मौका मिला।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष-विधायक रवींद्र चव्हाण ने सावंतवाडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने शिवसेना के मुख्य नेता और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस संबंध में विस्तृत चर्चा की है।
चर्चा में लिए गए निर्णय के अनुसार, अब से बीजेपी और शिवसेना एक-दूसरे के पदाधिकारियों या कार्यकर्ताओं को अपने दल में प्रवेश नहीं देंगे। यह फैसला महायुति के भीतर सौहार्द बनाए रखने और अनावश्यक टकराव को टालने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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चव्हाण ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर एक स्थायी समाधान निकालने के लिए, महायुति के तीनों प्रमुख नेता (बीजेपी, शिवसेना और अन्य घटक दलों के शीर्ष नेता) नागपुर में होने वाले आगामी विधानसभा अधिवेशन के दौरान एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे।