मुख्यमंत्री सौर कृषी वाहिनी योजना 2.0 (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में कार्यान्वित की जा रही मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के कार्यान्वयन में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग के लिए महावितरण को शुक्रवार को नई दिल्ली में गवर्नेंस नाउ द्वारा आयोजित 11वें सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम पुरस्कार समारोह में दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने इस सफलता पर कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी। महावितरण को दो श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए: ‘प्रक्रिया नवाचार में उत्कृष्टता’ और ‘स्वचालन और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का सर्वोत्तम उपयोग’। महावितरण के अधीक्षण अभियंता (नवीकरणीय ऊर्जा) निखिल मेश्राम ने कंपनी की ओर से पुरस्कार स्वीकार किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) आभा शुक्ला के मार्गदर्शन में राज्य में मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसमें महावितरण की प्रमुख भूमिका है। योजना यह है कि विभिन्न स्थानों पर विकेन्द्रीकृत तरीके से सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं स्थापित की जाएं, ताकि दिन के समय कृषि पंपों को बिजली की आपूर्ति की जा सके। सौर ऊर्जा पार्क बनाने के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है।
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महावितरण के बिजली उत्पादन केंद्रों से 5 और 10 किलोमीटर के भीतर भूमि की पहचान करना, उन्हें सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किराए पर देना, सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के लिए डेटाबेस बनाना, परियोजनाओं को मंजूरी देना और योजना को लागू करना जैसी सभी गतिविधियों के लिए महावितरण ने एक अलग पोर्टल विकसित किया है। इसलिए, योजना को शीघ्रता एवं पारदर्शिता से क्रियान्वित किया जा सकेगा। इस उपलब्धि के कारण महावितरण को ‘प्रक्रिया नवाचार में उत्कृष्टता’ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
कंपनी को विद्युत उप-स्टेशनों के रखरखाव तथा अत्याधुनिक कमांड एवं नियंत्रण केंद्र के निर्माण में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। राज्य में 3,563 विद्युत सबस्टेशनों की निगरानी के लिए ‘सबस्टेशन मॉनिटरिंग सिस्टम’ स्थापित किया जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री सौर कृषि चैनल योजना के लिए 2,773 सौर ऊर्जा संचालित सबस्टेशन शामिल हैं।
‘सबस्टेशन मॉनिटरिंग सिस्टम’ प्रत्येक पावर स्टेशन में विभिन्न उपकरणों की स्थिति, खराबी, बिजली की मांग और आपूर्ति आदि की जानकारी तुरंत उपलब्ध करा रहा है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आ रही है। महावितरण द्वारा अपने मुख्यालय में विकसित कमांड एवं कंट्रोल सेंटर से पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति पर नजर रखना तथा महत्वपूर्ण मामलों पर तत्काल निर्णय लेना संभव हो गया है। इस पहल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है।