(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Mumbai News In Hindi: महाराष्ट्र में अब सरकारी योजनाओं की लेटलतीफी तथा फाइलों का अटकना बीते दौर की बात होने वाली है। राज्य सरकार तकनीक के सहारे एक ऐसा ‘स्मार्ट और पारदर्शी’ प्रशासनिक ढांचा खड़ा कर रही है, जहां जनता की शिकायतों का निपटारा और प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से होगी।
राज्य में सुशासन, पारदर्शिता जवाबदेही और तय करने के लिए महाराष्ट्र सरकार तकनीक को अपना मुख्य हथियार बना रही है। विधान परिषद में बोलते हुए मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने विश्वास जताया कि तकनीक के माध्यम से नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उत्तरने वाला एक ‘प्रगत और विकसित महाराष्ट्र’ बनाया जाएगा।
प्रशासनिक मशीनरी को और अधिक सक्षम बनाने के संबंध में लाए गए विधान परिषद सदस्य श्रीकांत भारतीय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर देते हुए शेलार ने उपरोक्त बातें कही।
निजी संस्थानों द्वारा मूल्यांकनः प्रशासन की कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच
सिटीजन फीडबैकः नागरिकों से सीधे उनकी राय लेना
महाराष्ट्र सिटिजन एक्सपीरियंस इंडेक्सः सेवाओं के प्रति जनता के अनुभव को माधना,
विभागीय प्रदर्शन का आकलनः हर विभाग की जवाबदेही तय करना
प्रोजेक्ट ऑडिटः विफल या सुस्त परियोजनाओं पर त्वरित निर्णय लेना।
भविष्य की योजनाएं
मंत्री शेलार ने बताया कि सरकार वर्तमान में 16 विभिन्न उपायों पर काम कर रही है, जिनमें शामिल है।
डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेस इंडेक्सः 161 संकेतकों के आधार पर जिलों के सुशासन का मूल्याकन।
डिजिटल ट्रैकिंग: ‘गति शक्ति योजना के तहत महत्वपूर्ण परियोजनाओं की लाइव टेकिंग।
मिशन कर्मयोगी: प्रशासनिक अधिकारियों के कौशल विकास और कार्यक्षमता में वृद्धि,
मंत्री शेलार ने कहा कि राज्य में नागरिक केंद्रित सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी के 2047 के ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा करने के लिए ‘विकसित महाराष्ट्र’ की नीव रख रहे है।
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हमारा लक्ष्य तकनीक आधारित ऐसा शासन देना है, जो उत्तरदायी हो और जिसमें आम आदमी की आवाज सबसे ऊपर हो, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेस) डेटा एनालिसिस, जियो टैगिंग और सीएम डैशबोर्ड के जरिग फंड और शिकायतों की निगरानी की और प्रभावी बनाया जाएगा ई-गवर्नेस और पारदर्शी तबादला नीति जैसे सुधारों से प्रशासन में गतिशीलता आई है। चर्चा के दौरान प्रशासनिक दक्षता मापने के लिए पाच प्रमुख बिदुओं पर जोर दिया गया।