प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: मुंबई और पूरे महाराष्ट्र की सड़कें कातिल बनती जा रही हैं। हाईवे और सड़कों पर लगातार बढ़ती दुर्घटनाएं तथा दिन-प्रतिदिन होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या बेहद चिंताजनक है।
इस वर्ष जनवरी से नवंबर तक महाराष्ट्र में कुल 13,061 दुर्घटनाएँ हुई, जिनमें 14,066 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में 13, 141 हादसों में 14,185 लोगों की मौत हुई थी। इस तरह, पिछले साल की तुलना में इस साल दुर्घटनाओं और मृत्यु दर में लगभग 1% की कमी आई है।
इसी तरह, मुंबई में नवंबर महीने में 244 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 27 लोगों की मौत हुई और 254 लोग घायल हुए। बढ़ते हादसों को देखते हुए महाराष्ट्र की सड़कों को अब रखूनी सड़केंर कहे जाने लगा है।
राज्य में वाहनों की तेजी से बढ़ती संख्या, जर्जर हाईवे, बिजली रहित अंधेरी सड़कें और बड़े-बड़े गड्डे, ये सभी मिलकर दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में साल-दर-साल वृद्धि देखी गई है। इन हादसों ने राज्य के नागरिकों और उनके परिवारों पर गहरा प्रभाव डाला है।
अधिकांश मौतें वाहनों की टक्कर, ट्रक दुर्घटनाओं तथा दोपहिया वाहनों से जुड़े हादसों में हुई हैं। यातायात अधिकारियों का कहना है कि चालकों के लिए ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आरटीओ द्वारा विभिन्न प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा, राज्य में दुग्ध घाटी राजमार्ग (जैसे मुंबई-पुणे एक्स्प्रेसवे के घाट सेक्शन) पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) जैसी आधुनिक प्रणाली लागू की जा रही है।
शूटिंग की वजह से राज्य भर में जाना पड़ता है। खराब सड़कों की वजह से अधिक समय लग जाता है। इसी कारण लोग तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं और सिग्नल जप करते हैं और हादसे का शिकार होते हैं। हालांकि कार से लंबा सफर करने में डर लगता है।
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– गजल प्रीत कौर, अभिनेत्री
अधिकतर रोड की खराब सड़कों, उन पर होने वाले गड्डों, बंद और कम रोशनी वाली स्ट्रीट लाइट की वजह से होता है। राज्य सरकार गाड़ी चालकों से टोल नाकों के माध्यम अरबों रूपए वसूलती है। लेकिन सड़को और अन्य सुविधाओं पर ठीक ढंग से रखरखाव नहीं करती है। महमूद हकीमी, समाजसेवी
मुंबई से नवभारत लाइव के लिए तारिक खान की रिपोर्ट