मंत्री बाबासाहेब पाटिल (Image- Social Media)
Mumbai News: महाराष्ट्र के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने अपनी कथित टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है कि लोग कर्जमाफी के प्रति लालायित रहते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राजनेता चुनाव जीतने के लिए वादे करते हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक एवं राज्य सरकार के मंत्री ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की। उनके भाषण के कुछ अंश क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर प्रसारित किए जा रहे हैं, लेकिन कार्यक्रम का समय और स्थान स्पष्ट नहीं है।
पाटिल की टिप्पणी की सत्तारूढ़ सहयोगियों सहित विभिन्न हलकों से आलोचना हुई। भाजपा नेता और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि किसी को भी कर्जमाफी के मुद्दे पर हल्के-फुल्के बयान नहीं देने चाहिए क्योंकि राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। पाटिल ने भाषण के दौरान कहा, ‘‘लोग कर्जमाफी के प्रति लालायित रहते हैं। हम (नेता) चुनाव जीतना चाहते हैं, इसलिए हम चुनाव के दौरान आश्वासन देते हैं। लेकिन, यह जनता को तय करना है कि वे वास्तव में क्या मांगना चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को यह तय करना होगा कि वे वोट मांगने आने वाले नेताओं से असल में क्या मांगना चाहते हैं। पाटिल ने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान, एक नेता एक गांव में आए, और लोगों ने कहा – ‘जो भी हमारे गांव में नदी लाएगा, हम उसे वोट देंगे।’ अब, क्या उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि वे क्या मांग रहे हैं? तब नेता ने कहा – ‘ठीक है, हम आपको एक नदी भी देंगे।’ इसलिए मैं कहता हूं कि लोगों को सोच-समझकर तय करना चाहिए कि वे क्या मांग रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘हम (नेता) वादे इसलिए करते हैं क्योंकि हम चुनाव जीतना चाहते हैं, लेकिन इन सभी बातों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।”
पाटिल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि किसी को भी ऋण माफी के मुद्दे पर हल्की-फुल्की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। बावनकुले ने कहा, ‘‘महायुति गठबंधन के घोषणापत्र में पात्र किसानों के लिए ऋण माफी का स्पष्ट उल्लेख था। जो वास्तव में जरूरतमंद हैं उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए क्योंकि कई लोग वर्षों से खेती कर रहे हैं, लेकिन अपना पूरा ऋण चुकाने में असमर्थ हैं।”
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शिवसेना मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार पहले भी निर्देश दे चुके हैं कि विवादास्पद बयान न दिए जाएं। शिरसाट ने कहा कि मुख्यमंत्री निश्चित रूप से ऐसे बयानों का संज्ञान लेंगे। सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ ने मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे राज्य भर में 68.69 लाख हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गईं और लाखों किसान संकट में आ गए। मंगलवार को राज्य सरकार ने बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की घोषणा की। -एजेंसी इनपुट के साथ