देवेंद्र फडणवीस और सिद्धारमैय्या (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए उच्चस्तरीय समिति का पुनर्गठन किया है। एक जीआर के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाली समिति का पुनर्गठन किया गया है, क्योंकि सीमा विवाद से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय गैर-पक्षपातपूर्ण और प्रतिनिधि निकाय द्वारा सर्वसम्मति से लिए जाने की आवश्यकता है।
समय-समय पर नई सरकार आने पर समिति का पुनर्गठन किया जाता रहा है। पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब समिति का पुनर्गठन किया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस 18 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष हैं, जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, शरद पवार और पृथ्वीराज चह्वाण शामिल हैं।
समिति के अन्य सदस्यों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पाटिल और जयंत पाटिल, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, शंभूराज देसाई, प्रकाश आबिटकर, सुरेश खाड़े, भाजपा विधायक सुधीर गाडगिल, सचिन कल्याण शेट्टी, विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता शामिल हैं।महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल विपक्ष का कोई नेता नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के विधायकों को उच्चस्तरीय समिति में शामिल नहीं किया गया है।
सीमा विवाद 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद शुरू हुआ था। महाराष्ट्र ने बेलगावी को राज्य में शामिल करने की मांग की थी, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि वहां मराठी भाषी आबादी काफी है। उसने 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक में हैं। वहीं, कर्नाटक, राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 की महाजन आयोग रिपोर्ट के अनुसार भाषाई आधार पर किए गए सीमांकन को आखिरी मानता है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगावी सीमा विवाद हाल ही में फरवरी में देखा गया था। इस मामले के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकारें आमने-सामने आ गई थी। ये विवाद तब सामने आया जब बेलगावी के मरिहाल में एक बस चालक और कंडक्टर को कथित तौर पर मराठी में बात न करने को लेकर पीटा गया था। ये सीमा विवाद इतना बढ़ गया था कि कई दिनों तक दोनों पक्षों की ओर से बस चालकों पर हमले के कारण कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच बस सेवाएं प्रभावित हुई थी।