केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (सोर्स: सोशल मीडिया)
Shivraj Singh Chouhan Statement: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को लोकसभा में महाराष्ट्र के बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए राहत पैकेज के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने सदन को बताया कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से केंद्र को बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन और किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिस पर केंद्र सरकार गंभीर से विचार कर रही है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान उनकी ओर से दो दिन पहले दिए गए एक विवादास्पद बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार से मदद का कोई प्रपोजल नहीं मिला है। इससे किसानों और विपक्षी पार्टियों में कारण महाराष्ट्र की राजनीति में भारी सियासी घमासान मच गया था।
मानसून में आई भीषण बारिश और बाढ़ से महाराष्ट्र के कई जिलों के किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिसके चलते राज्य से राहत पैकेज की मांग लगातार उठ रही है। लेकिन इसी बीच शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार से बाढ़ राहत के लिए अभी तक कोई प्रस्ताव केंद्र को नहीं मिला है।
इसके साथ ही उन्होंने 26 नवंबर तक महाराष्ट्र को दी गई मदद के आंकड़े भी पेश किए। इस पर विपक्षी दलों, विशेषकर शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) और कांग्रेस ने हमला बोलते हुए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर संवेदनशून्य होने तथा किसानों की पीड़ा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था।
रोहित पवार ने ट्वीट किया, “देवेंद्र फडणवीस साहब, आपने आज सुबह भारी बारिश के बारे में केंद्र को रिपोर्ट भेजने के बारे में झूठ बोलकर राज्य के किसानों को गुमराह किया। आपकी सरकार ने 27 नवंबर को केंद्र को रिपोर्ट भेजी है, मैं यह लेटर अटैच कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि आप यह लेटर देखने के बाद महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगेंगे।”
रोहित पवार ने आगे लिखा कि उम्मीद थी कि महाराष्ट्र में भारी बारिश से प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजेगी। लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री ने साफ किया है कि अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। यह बहुत चौंकाने वाला है। अतिवृष्टि की वजह से करीब 14 लाख हेक्टेयर खेती को नुकसान हुआ है। इस वजह से किसान मुश्किल में हैं। सत्ता में आने से पहले राज्य सरकार ने भारी बारिश होने पर मदद के साथ-साथ कर्ज माफी का वादा किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
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केंद्रीय मंत्री के पहले बयान और विपक्ष के आक्रामक होते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी स्पष्टीकरण दिया था। सीएम फडणवीस ने बुधवार को कहा था कि प्रपोजल 35 दिन पहले ही जमा कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि सवाल-जवाब का सेशन 35 दिन पहले ही हो गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार से जल्द से जल्द मदद मिलने की उम्मीद है हालांकि, सरकार की तरफ से एक लेटर सामने पेश किया गया जिससे 27 नवंबर को प्रपोजल जमा करने का खुलासा हुआ है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को लोकसभा में सफाई देते हुए महाराष्ट्र के बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए राहत पैकेज को लेकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए राहत पैकेज को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल गलत हैं। राहत का प्रस्ताव महाराष्ट्र सरकार की ओर से हमारे पास आया है। हम राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर उचित कार्रवाई करेंगे। किसानों की मदद हमारी प्राथमिकता है।