सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Government: महाराष्ट्र सरकार ने 2025 के मानसून में भारी बारिश और बाढ़ से तबाह हुए किसानों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए एक वर्ष तक फसल ऋण वसूली पर पूर्ण स्थगन की घोषणा की है। यह फैसला 347 तहसीलों (तालुकाओं) के उन किसानों के लिए लागू होगा, जहां जून से सितंबर तक की भारी वर्षा ने फसलों को नष्ट कर दिया, पशुओं की मौत हुई और हजारों लोग विस्थापित हुए।
इसके अलावा, अल्पकालिक फसल ऋणों को मध्यम अवधि के ऋणों में परिवर्तित करने का प्रावधान किया गया है, जिससे किसानों को चुकौती का बोझ कम होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के बीच उठाया है, जो किसान हितों को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाता है।
इससे पहले अक्टूबर 2025 में ही सरकार ने 31,628 करोड़ रुपये का व्यापक राहत पैकेज घोषित किया था, जिसमें फसल क्षतिपूर्ति, पशु हानि और मिट्टी क्षरण के लिए सहायता शामिल है। किसान संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन पूर्ण कर्जमाफी की मांग को जून 2026 तक पूरा करने की अपेक्षा जताई है। 2025 के मानसून ने महाराष्ट्र में भारी तबाही मचा दी थी।
मराठवाड़ा के बीड, धाराशिव, परभणी, अहिल्यानगर, सोलापुर, विदर्भ के यवतमाल, नांदेड़, बुलढाणा और पश्चिम महाराष्ट्र के नाशिक, अहमदनगर बुरी तरह प्रभावित हुए। मराठवाड़ा में 70 लाख हेक्टेयर, विदर्भ में 50 लाख हेक्टेयर और सोलापुर जिले में अकेले 12,124 हेक्टेयर की फसलों को नुकसान हुआ था।
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– 347 तहसीलों के किसानों को लाभ
– 31,628 करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया था सरकार ने
– 60 लाख से अधिक किसान हुए थे प्रभावित
– 86 से अधिक मौतें हुईं थीं
– 45 लाख बीमित किसानों को अतिरिक्त रु17,000 प्रति किसान।
– 1.2 करोड़ से अधिक किसान हैं, राज्य में, जिनमें 80% छोटे-मझोले हैं।