जयंत पाटिल और देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: लाडकी बहन योजना के कारण महाराष्ट्र सरकार की तिजोरी खाली हो गई है। इस वजह से दूसरी योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकार को परेशानी हो रही है। इसलिए लाभार्थी महिलाओं की संख्या कम करने के लिए सरकार लाडकी बहनों के पात्रता की फिर पड़ताल करवा रही है। ऐसी अटकलें इन दिनों महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बन रही हैं।
दावा यह भी किया जा रहा है कि महायुति सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘लाडकी बहन’ मनपा चुनाव के बाद बंद कर दी जाएगी। लेकिन इन अटकलों के बीच शरद पवार की राकां के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने लाडकी बहनों के लिए लड़ाई लड़ने की घोषणा कर दी है। पाटिल ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि आपने योजना के नाम पर बहनों का वोट लिया। इसलिए अब मैं देखता हूं कि आप योजना को बंद कैसे करते हो?
लोकसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति के निराशाजनक प्रदर्शन के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार महिला वोटरों को रिझाने के लिए ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ (लाडकी बहन) योजना लेकर आई थी। लाडकी बहन योजना विधानसभा चुनाव 2024 में गेम चेंजर साबित हुई। योजना के कारण ही राज्य में महायुति सरकार की वापसी हुई।
लेकिन यह भी सच्चाई है कि योजना के कारण सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। वित्त विभाग के साथ कैग भी राज्य सरकार को चेतावनी दे चुका है। इसलिए योजना के बंद होने की भविष्यवाणी की जाने लगी है। लेकिन जयंत पाटिल ने इस योजना का लाभ बंद करने के खिलाफ चेतावनी दी है। पाटिल ने कहा है कि यदि सरकार योजना को बंद करती है तो हम पार्टी संगठन के माध्यम से तालुका स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे और लाडकी बहनों को मिलने वाला पैसा बंद नहीं होने देंगे। क्योंकि आपने उन्हें वचन दिया है और उन्होंने आपको अपना वोट दिया है।
विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही ‘लाडकी बहन’ योजना के बंद होने की अफवाहों के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। ‘रसिकाश्रय’ संस्था की पहल “जीवाची मुंबई, श्रमची आनंदवारी” के शीर्षक के तहत यवतमाल जिले के घाटंजी क्षेत्र की दूसरों के घरों में चौका-बर्तन करके गुजारा करनेवाली 20 महिलाओं ने बुधवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस से दक्षिण मुंबई स्थित सह्याद्री गेस्ट हाउस में मुलाकात की।
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इस मौके पर महिलाओं ने डबडबाई आंखों के साथ कहा कि हमारे सामने समस्या यह थी कि चौका बर्तन करके मिलने वाले 500 रुपए से हम अपना घर कैसे चलाएं? इसलिए लाडकी बहन योजना हमारे लिए सिर्फ वित्तीय सहायता नहीं है, यह हमारी आजीविका का आधार है। उनकी बाते सुन कर मुख्यमंत्री की आंखें भर आईं। उन्होंने वचन दे दिया कि यह योजना कभी बंद नहीं होगी!