इंडोनेशियाई महिला गिरफ्तार (PIC CREDIT; SOCIAL MEDIA)
Indonesian woman arrested: भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इंडोनेशिया की महिला को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 10 सालों से फर्जी भारतीय पहचान पत्र के सहारे मुंबई में रह रही थी। बिहार के किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के पानीटंकी बॉर्डर पर एसएसबी की 41वीं बटालियन ने उसे दबोचा। उसके पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और इंडोनेशियाई पहचान पत्र बरामद किए गए।
गिरफ्तार महिला की पहचान काडेक सिसियानी के रूप में हुई है। भारत में वह खुद को “निन्योमन मुरनी” नाम से पेश कर रही थी। जांच के दौरान सामने आया कि उसने मुंबई में एक एजेंट की मदद से यह फर्जी दस्तावेज बनवाए और पिछले एक दशक से भारत में रह रही थी।
पकड़े जाने पर महिला ने पहले खुद को भारतीय बताया और नाम निन्योमन मुरनी बताया। लेकिन तलाशी में मिले इंडोनेशियाई पहचान पत्र और फर्जी दस्तावेजों में विरोधाभास पकड़े जाने के बाद उसकी असलियत सामने आ गई।
सूत्रों के मुताबिक, महिला सीमा स्तंभ संख्या 90 के पास पुराने पुल से गुजर रही थी, जब एसएसबी की सीमा संपर्क टीम ने उसे रोका। पूछताछ के दौरान वह लगातार झूठ बोलती रही, लेकिन दस्तावेजों की जांच से उसकी पहचान उजागर हो गई।
पूछताछ में महिला ने कबूल किया कि उसने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर न सिर्फ भारत में प्रवेश किया, बल्कि नेपाल, तुर्की और इंडोनेशिया के बीच भी कई बार यात्रा की। उसने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई में स्थानीय एजेंटों की मदद से आधार और पैन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण पहचान पत्र बनवाए।
बरामद दस्तावेजों में भारतीय पहचान पत्रों के अलावा इंडोनेशियाई आईडी भी शामिल था। अधिकारियों के अनुसार, यह महिला लंबे समय से अवैध रूप से रह रही थी और धोखाधड़ी से भारतीय नागरिकता के समान अधिकार प्राप्त कर रही थी।
एसएसबी ने बताया कि महिला ने विदेशी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है। आरोप है कि उसने धोखाधड़ी, जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल और अवैध सीमा पार जैसी गतिविधियों में भाग लिया।
पूछताछ और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद एसएसबी ने महिला को खोरीबाड़ी थाना पुलिस के हवाले कर दिया। यह गिरफ्तारी उस समय हुई है जब सीमा से अवैध घुसपैठ और विदेशी नागरिकों की संदिग्ध गतिविधियों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। पिछले एक साल में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को भी इसी इलाके से पकड़ा जा चुका है।