
राज ठाकरे, जितेंद्र सिंह व देवेंद्र फडणवीस (डिजाइन फोटो)
Bombay vs Mumbai Controversy: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के मुंबई दौरे के दौरान ‘IIT बॉम्बे’ नाम पर दिए गए बयान से महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। MNS प्रमुख राज ठाकरे ने इसे महाराष्ट्र विरोधी मानसिकता बताया है। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाम बदलने का समर्थन किया है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि यह अच्छी बात है कि IIT बॉम्बे का नाम बदलकर IIT मुंबई नहीं किया गया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बयान दिया कि IIT मद्रास के बारे में भी उनकी यही भावना है।
चूंकि शिवसेना सरकार ने पहले बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई कर दिया था, इसलिए यह नाम विवाद अक्सर राजनीति में गर्म रहता है, और चुनावी मौसम में यह बयान विपक्ष के लिए एक नया हथियार बन गया है। मंत्री के इस चौंकाने वाले बयान के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) आक्रामक हो गई और उसने संस्थान के बाहर ‘IIT बॉम्बे’ की जगह ‘IIT मुंबई’ लिखे पोस्टर लगा दिए।
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ जितेंद्र सिंह का निजी विचार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की सोच को दिखाता है। ठाकरे ने पूछा कि “अच्छा हुआ नाम IIT बॉम्बे ही रखा” कहकर वे क्या बताना चाहते हैं?
उन्होंने कहा कि यह उस साजिश की बदबू है, जो कई सालों से मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मराठी लोगों ने नाकाम कर दी थी।
राज ठाकरे ने मंत्री जितेंद्र सिंह की पृष्ठभूमि पर हमला बोलते हुए कहा कि वह जम्मू से आते हैं और उनका मुंबई, महाराष्ट्र या गुजरात से कोई संबंध नहीं है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि मंत्री टॉप लीडरशिप का दिल जीतने के लिए ऐसी बातें करते हैं, जिनका मुंबई के इतिहास और मराठी भावनाओं से कोई रिश्ता नहीं है। ठाकरे ने इसे महाराष्ट्र विरोधियों के पेट की खीझ बताया जो फिर बाहर आ गई है।
ठाकरे ने मराठी समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि यह केवल नाम की बहस नहीं है, बल्कि शहर पर कब्ज़ा करने की मानसिकता है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ‘मुंबई’ नाम से दिक्कत है क्योंकि यह मुंबई देवी के नाम पर है, जिसे मराठी लोग अपनी मां मानते हैं।
राज ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ ताकतें मुंबई और MMR इलाके पर कब्जा करना चाहती हैं और वे मुंबई को गुजरात से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं, साथ ही उद्योग जगत के बड़े लोग लगातार ज़मीन व प्रोजेक्ट पर अपना कब्जा बढ़ा रहे हैं।
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उन्होंने आशंका जताई कि जैसे केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की कोशिश की थी, मुंबई के मामले में भी 100% कुछ ऐसा ही चल रहा होगा। उन्होंने मराठी लोगों से अपील की कि वे अब आंखें खोलें, क्योंकि मुंबई सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि उनकी पहचान है, और ‘बॉम्बे’ बनाने की सोच के खिलाफ खड़ा होना होगा।
इस विवाद के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हस्तक्षेप किया और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान पर जवाब दिया। फडणवीस ने स्पष्ट किया कि हमारे लिए यह बॉम्बे नहीं, बल्कि मुंबई है। उन्होंने कहा कि बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई करने में भारतीय जनता पार्टी के नेता रामभाऊ नाइक का सबसे बड़ा योगदान रहा है।
सीएम फडणवीस ने कहा कि बॉम्बे के निशान मिट जाने चाहिए और मुंबई हर जगह होना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि वह खुद देश के प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री को चिट्ठी लिखकर IIT बॉम्बे का नाम बदलकर IIT मुंबई करने की रिक्वेस्ट करेंगे।
फडणवीस ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि कुछ लोग आसानी से यह रिक्वेस्ट नहीं करते कि जिस स्कूल में उनके बच्चे पढ़ते हैं, उसका नाम बदल दिया जाए।






