सीएम फडणवीस, राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra News: निकाय चुनाव की हलचलों के बीच गणेशोत्सव त्यौहार चुनावी रंग में रंग गया है। राजनीतिक दलों में वर्चस्व की होड़ मच गई है। सियासी दलों के नेता जनता से जुड़ने और अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में जुट गए हैं। नेताओं और निकाय चुनाव में संभावित उम्मीदवारों के बैनर-पोस्टर सार्वजनिक गणेश पंडालों के आस-पास के इलाकों में पट गए हैं।
सार्वजनिक गणेश उत्पत्त राज्य का सबसे बड़ पर्व माना जाता है। खासकर मुंबई, ठाणे और आस-पास इलाकों में इसकी रौनक ही अलग होती है. दस दिनों तक चलने वाला यह त्योहार नेताओं को जनता के बीच अपनी छवि बनाने, मतदाताओं का समर्थन हासिल करने और
अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का एक मंच प्रदान करता है।
बुधवार से गणेशोत्सव शुरू होने जा रहा है। बीएमसी सहित राज्य के निकाय चुनाव को लेकर इस पर्व में धार्मिक रंग से ज्यादा राजनीतिक रंग दिखाई दे रहा है, सियासी दलों में गणेश मंडलों पर वर्चस्व जमाने की होड़ तेज दिखाई दे रही है।
शहर के प्रमुख मणेश मंडलों के अध्यक्षों और पदाधिकारियों को अपने पक्ष में करने की कोशिशें हो रही हैं। मनपा चुनाव कार्यकर्ताओं का अखाड़ा होता है, इसलिए टिकट पाने के इच्छुकों की और आजमाइश देखी जा रही है। गणेश मंडलों में पदाधिकारी नियुक्तियों में भी राजनीतिक समीकरण देखे जा रहे हैं।
इस साल गणेशोत्सव निकाय चुनावों से पहले हो रहा है। मुंबई, ठाणे, पुणे, पिंपरी-चिंचवाड, नाशिक, छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर और अमरावती सहित 29 मनपाओं के साथ 257 नगर परिषदों, 26 जिला परिषदों और 289 पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं।
खासकर बीएमसी, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, भिवंडी-निजामपुर, नवी मुंच्ई, पनवेल जैसी महानगरपालिकाओं को वाचिज करने की राजनीतिका दलों में होड़ मची हुई है। बीएमसी का चुनाव अपने अवकार और संसाधनों को देखते हुए विशेष ध्यान आकर्षित करेगा।लालबाग के राजा, चिंतामणि, गणेश गल्ली जैसे बड़े आयोजनों में राजनीतिक दलों के नेताओं की भरमार देखी जा रही है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणीस्, उय मुख्यमंत्री एकनास शिंदे, अनीत पवार, सास्कृतिक कार्य मंत्री आधोनार, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोदा शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धय साधने, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रमुख राज ठाकरे सहित तमान बड़े नेताओं के नागेश में पेट देने के विभिन्न दौरे अजित किए गए है
गणेश प्रतिमाओं की कोई आधिकारिक गणना नहीं है, लेकिन अनुमान है कि हर साल 10 से 12 लाखा प्रतिमाओं का विसर्जन होता है। अकेले मुंबई में मंडलों, घरों, आवासीय परिस्तों और सार्वजनिक स्थलों पर 5 लाख से अधिक प्रतिमाएं स्थापित होने का अनुमान है। मनया उपायुक्त (कोन 2) और गणेशोत्सव के समन्वयक प्रशांत सपकाले के अनुसार मुंबई व उपनगरों में गणेश मूर्तियों के विसर्जन के लिए 275 से अधिक तालाबों की व्यस्था की गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मुंबई में सेना ने की पहले से से जुड़ना शुरू किया या साल के दशक में भाजया ने नवनात्रि और उड़िया को बढ़ावा दिया। आज सभी दलों के नेता गणेश मंडालों से जुड़ने का प्रयास करते हैं। सांसद विधायक नगरसेवक सहित नेला त्योहार के दौरान महाली से जुड़े रहने का प्रकास करते हैं। इससे लोगों से सीधा संपर्क संभव होता है, कभी गणेश मंडलों में दबना रखने वाली शिवसेना में जिनके बाद कुनास्थिति बदली है।