उल्हासनगर महानगरपालिका (pic credit; social media)
Maharashtra News: उल्हासनगर महानगरपालिका द्वारा शहर के कुछ बिल्डरों को ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) जारी करने में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। इस मामले की जांच अब नए सिरे से की जाएगी। गुरुवार को मंत्रालय में पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता ने उल्हासनगर मनपा की आयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए कि टीडीआर क्रमांक 14, 17 और 18 तथा संबंधित डीआरसी की जांच पूरी होने तक इन्हें पूरी तरह स्थगित रखा जाए। साथ ही इन टीडीआर की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए गए। इतना ही नहीं, यदि किसी निर्माण अनुमति में ये टीडीआर पहले से चढ़ाए गए हैं तो उन अनुमतियों को भी तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्देश जारी किया गया है।
जानकारी के मुताबिक प्रधान सचिव गुप्ता ने बैठक में कहा कि पूरी जांच दस दिनों के भीतर पूरी की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक समाजसेवक ने यह घोटाला उजागर कर दिया, तो संबंधित अधिकारी क्यों चुप बैठे रहे और उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं थी।
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बैठक में राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने भी स्थानीय मनपा आयुक्त की कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 4 मार्च को दिए गए आदेशों का पालन न करना गंभीर लापरवाही है, जिसके कारण यह मामला और बढ़ा।
बैठक में पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू के साथ अवर सचिव निर्मलकुमार चौधरी, ठाणे जिला संपर्क प्रमुख हितेश जाधव, वासू कुकरेजा, प्रहार जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता स्वप्निल पाटिल और उल्हासनगर मनपा की आयुक्त मनीषा आव्हाले उपस्थित थीं।
इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार इस घोटाले को गंभीरता से ले रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल सभी टीडीआर और डीआरसी स्थगित कर दिए गए हैं और जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार का लेन-देन रोक दिया गया है।