महायुति सरकार (pic credit; social media)
Mahayuti Government: महाराष्ट्र की महायुति सरकार को बने हुए अभी नौ महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और इस दौरान उसने शासनादेश (जीआर) जारी करने का नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में 5 दिसंबर 2024 को शपथ लेने वाली इस सरकार ने 10 सितंबर 2025 तक कुल 14,590 जीआर जारी किए हैं। औसतन रोज़ाना 40 जीआर जारी करना अपने आप में एक अनोखा आंकड़ा है।
सरकार का दावा है कि यह जीआर जनता के हित में लिए गए त्वरित फैसलों का हिस्सा हैं। हालांकि विपक्ष इसे “कागज़ी शासन” बताते हुए सवाल खड़ा कर रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में जीआर जारी करने के बावजूद ज़मीन पर नतीजे क्यों नहीं दिख रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृह, ऊर्जा, विधि व न्याय, सामान्य प्रशासन और जनसंपर्क जैसे अहम विभाग हैं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार वित्त व योजना और राज्य उत्पादन शुल्क विभाग संभालते हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नगर विकास, गृहनिर्माण और सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम) विभाग देख रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिन विभागों पर जनता की नज़र रहती है, वहीं से सबसे ज्यादा जीआर जारी हुए हैं।
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सबसे ज्यादा जीआर जारी करने वाले विभाग
विशेषज्ञों का मानना है कि महायुति सरकार ने रिकॉर्ड संख्या में जीआर जारी कर यह संदेश दिया है कि वह त्वरित फैसले लेने में पीछे नहीं है। दूसरी ओर, विपक्ष इसे चुनावी स्टंट करार दे रहा है और आरोप लगा रहा है कि फैसले कागज़ों पर ही सीमित हैं।
बीएमसी चुनाव और 2029 के विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में सरकार का यह आंकड़ा राजनीतिक रूप से भी मायने रखता है। विपक्ष के हमलों के बीच सरकार इसे अपनी उपलब्धि बताकर जनता तक ले जाने की रणनीति बना रही है। फिलहाल इतना तय है कि महायुति सरकार का “जीआर रिकॉर्ड” आने वाले दिनों में राजनीति का बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है।