मुंबई/मीरा-भायंदर: महाराष्ट्र की स्थानीय राजनीति से एक बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाली खबर सामने आ रही है। मीरा-भायंदर नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 22 से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार जावेद पठान का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से असामयिक निधन हो गया। चौंकाने वाली बात यह है कि पठान ने अपनी मौत से महज कुछ घंटे पहले ही बड़े उत्साह के साथ अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
जानकारी के अनुसार, जावेद पठान मंगलवार सुबह 10 से 11 बजे के बीच निर्वाचन कार्यालय पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने पूरे उत्साह के साथ अपना नॉमिनेशन पेपर फाइल किया। नामांकन के बाद वे चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट गए थे। दोपहर करीब 3:30 बजे जब वे मीरा रोड स्थित हैदरी चौक इलाके में पहुंचे, तो उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द महसूस हुआ और वे गिर पड़े।
आसपास मौजूद समर्थकों ने उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की। हालांकि, उपचार के दौरान ही उनकी मौत हो गई और डॉक्टरों ने उन्हें ‘ब्रॉट डेड’ घोषित कर दिया। उनकी मृत्यु का प्राथमिक कारण कार्डियक अरेस्ट (हार्ट अटैक) बताया जा रहा है।
जावेद पठान की अचानक हुई मौत से मीरा-भायंदर के राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसर गया है। एनसीपी समेत अन्य दलों के नेताओं ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। चुनाव प्रचार के चरम पर होने के दौरान एक सक्रिय प्रत्याशी का इस तरह चले जाना शहर के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है।
जावेद पठान की मौत के साथ-साथ इस चुनावी सीजन में बढ़ते तनाव की अन्य खबरें भी सुर्खियों में हैं। टिकट वितरण और ‘एबी फॉर्म’ (AB Form) को लेकर मची खींचतान ने कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रभावित किया है। हाल ही में देखा गया कि कुछ उम्मीदवार टिकट कटने की वजह से पार्टी वरिष्ठों के दरवाजे पर रोते हुए नजर आए।
कुछ जगहों पर टिकट न मिलने के कारण नेताओं और समर्थकों के बीच तीखी बहस और लड़ाई की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं। इस बढ़ते दबाव के कारण मीरा-भायंदर में ही एक वरिष्ठ नेता के समर्थक को हार्ट अटैक आने और कुछ महिला समर्थकों के बेहोश होने की खबरें भी सामने आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी रैलियों की भागदौड़ और टिकट को लेकर अनिश्चितता का स्तर बढ़ना उम्मीदवारों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है।
फिलहाल, जावेद पठान के निधन के बाद वार्ड नंबर 22 में चुनावी प्रक्रिया को लेकर प्रशासन क्या कदम उठाता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।