संजय राउत और एकनाथ शिंदे (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने हाल ही में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने दावा किया कि एक समय शिंदे भी कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। राउत ने इस दौरान कांग्रेस नेता अहमद पटेल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं सब जानता हूं उस समय क्या चल रहा था।
अहमद पटेल अब हमारे बीच नहीं हैं, इसलिए मैं कुछ ज्यादा कहना नहीं चाहता, क्योंकि वे अब इस बात को सिद्ध करने के लिए हमारे साथ मौजूद नहीं हैं। जब उनसे इस बारे में और सवाल किए गए तो राउत ने कहा कि कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से सवाल करें। चव्हाण ने राउत के दावे को सिरे से नकार दिया।
शिवसेना शिंदे गुट की नेता शाइना एनसी ने कहा कि राउत तो हर सुबह बड़बड़ करते हैं। उनको सीरियसली कौन लेता है? राउत के पास शायद कोई खुफिया एजेंसी है, जहां वो बड़बड़ करते हैं लेकिन बेबुनियाद आरोप लगाने के पहले यह जान लें कि आप एकनाथ शिंदे के उपर जब भी टिप्पणी करते हैं, तब वो ज्यादा ताकतवर बनते हैं।
यह बात मत भूलिएगा कि जब शिंदे अविभाजित शिवसेना से निकले तो अपने बलबूते 40 विधायकों को साथ लेकर निकले। उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद भी यह बात साबित की है कि असली शिवसेन एकनाथ शिंदे की शिवसेना है क्योंकि आज हमारे पास 60 साथी हैं। 40 से 60 का सफर एक बड़ी छलांग है। इसलिए राउत पहले सीखें और फिर बोला करें।
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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा था असदुद्दीन ओवैसी को भारत के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए और वीर सावरकर की भूमिका को समझना चाहिए। जब वह औरंगजेब के बारे में बयान देते हैं, तो मैं ओवैसी से मजाहिर-ए-आलमगिरी पढ़ने का आग्रह करती हूं, जिसमें क्रूर शासक और मुगल सल्तनत के दैनिक मामलों का विवरण है। तभी वह समझ पाएंगे कि क्या कहना है, क्यों कहना है और हर भारतीय नागरिक के सामने खुद को कैसे पेश करना है।