अनिल पवार की संपत्ति कुर्क (pic credit; social media)
Anil Pawar Property Attached: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वसई-विरार नगर निगम (VVMС) के पूर्व आयुक्त और आईएएस अधिकारी अनिल पवार, सीताराम गुप्ता और अन्य के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ED ने उनकी कुल 71 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क कर दी हैं। यह कदम 2009 से वसई-विरार में सरकारी और निजी जमीनों पर हुए अवैध आवासीय और सह-व्यावसायिक निर्माणों से जुड़े मामलों की जांच के तहत उठाया गया।
ED की जांच मीरा-भाईंदर पुलिस कमिश्नरेट की एफआईआर पर आधारित थी। जांच में पता चला कि पवार के नेतृत्व में एक संगठित गिरोह काम कर रहा था, जिसमें नगर नियोजक, अभियंता, आर्किटेक्ट और अन्य अधिकारी भी शामिल थे। इनकी मिलीभगत से बिल्डरों और स्थानीय गुंडों ने अवैध निर्माण किए। जांच के दौरान 41 अवैध इमारतें पाई गईं, जिन्हें अदालत के आदेश पर ध्वस्त किया गया।
ED अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार और अवैध निर्माणों के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश गया है। उन्होंने कहा कि “वसई-विरार में भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण की लंबी श्रृंखला को समाप्त करना हमारी प्राथमिकता है।”
अनिल पवार और उनके सहयोगियों के खिलाफ यह कार्रवाई न सिर्फ संपत्ति कुर्क करने तक सीमित है, बल्कि भ्रष्टाचार, अवैध निर्माण और सरकारी नियमों के उल्लंघन के खिलाफ सख्त कदम के रूप में देखी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में आगे भी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
यह मामला महाराष्ट्र में सरकारी जमीनों और अवैध निर्माणों से जुड़े भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है। ED की कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य शहरों और निगमों में भी ऐसे अवैध नेटवर्क को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
वसई-विरार के नागरिकों और निवेशकों के लिए यह कदम भरोसे और सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा संदेश है कि अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।