विदेश में पढ़ाई का सपना अब भारत में ही होगा पूरा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: भारतीय छात्रों को अब उच्च शिक्षा के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि आज राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 5 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन प्रदान किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों का भारत का पहला शैक्षणिक केंद्र मुंबई, नवी मुंबई में स्थापित किया जा रहा है। ‘मुंबई राइजिंग: क्रिएटिंग एन इंटरनेशनल एजुकेशन सिटी’ शीर्षक के तहत 5 वैश्विक विश्वविद्यालयों को आशय पत्र (एलओआई) प्रदान करने का कार्यक्रम होटल ताज में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोल रहे थे।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, केंद्रीय शिक्षा सचिव व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष विनीत जोशी, अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम कुमार गुप्ता, सिडको के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल, ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरून, ऑस्ट्रेलिया के महावाणिज्यदूत पॉल मर्फी, अमेरिका के महावाणिज्यदूत माइक हैंकी, इटली के महावाणिज्यदूत वाल्टर फेरारा, एबरडीन विश्वविद्यालय के वाइस-प्रिंसिपल ग्लोबल एंगेजमेंट प्रो. सिलादित्य भट्टाचार्य, यॉर्क विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चार्ली जेफरी, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के कुलपति गाय लिटिलफेयर, इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष राज ईचांबाडी, आईईडी के डीन रिकार्डो बाल्बो और विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 5 विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय, एबरडीन विश्वविद्यालय (स्कॉटलैंड, यूके), यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क (यूके), यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलिया), इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूएसए), इस्टीटूटो यूरोपा डी डिजाइन (इटली), भारत आ रहे हैं। ये विश्वविद्यालय नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा क्षेत्र में स्थापित किए जाएंगे। आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में मेडिसिटी, स्पोर्ट्स सिटी और इनोवेशन सिटी का निर्माण किया जाएगा।
आने वाले समय में यहां एक साथ दस विश्वविद्यालयों को लाने की अवधारणा को लागू करने का विचार है। वर्तमान में इन पांच विश्वविद्यालयों की वजह से यह क्षेत्र संपूर्ण शिक्षा और शोध के लिए जाना जाएगा। मुंबई वर्तमान में वित्तीय, औद्योगिक और मनोरंजन उद्योगों के शहर के रूप में जाना जाता है। विश्वविद्यालय को एक शैक्षणिक शहर के रूप में जाना जाएगा। यह निर्णय विकसित भारत 2047 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Mumbai, Maharashtra: Chief Minister Devendra Fadnavis says, “Today, at the very outset, I would like to extend my heartfelt gratitude to the Prime Minister of India, Narendra Modi, for envisioning the New Education Policy for India. As rightly mentioned, for the past 20 years, we… pic.twitter.com/9xynjGMe1k
— IANS (@ians_india) June 14, 2025
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नवी मुंबई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है। अटल सेतु बनाया गया है। बुनियादी सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय संपर्क की व्यवस्था विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कारण कई विदेशी विश्वविद्यालयों ने भारत आने में रुचि दिखाई है। जो भारतीय युवा विदेश जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते, उनके सपने अब अधूरे नहीं रहेंगे। फिलहाल 5 विश्वविद्यालय आए हैं।
लेकिन हम भविष्य में और अधिक विश्वविद्यालयों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में वेस्टन विश्वविद्यालय और गोंडवाना विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
बच्चू कडू का अन्नत्याग आंदोलन स्थगित, सरकार ने दिया ये आश्वासन, कडू ने भी दी डेडलाइन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मुंबई सपनों का शहर है और यह आर्थिक राजधानी भी है और आने वाले समय में 5 विदेशी विश्वविद्यालय मुंबई को शिक्षा का केंद्र बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देंगे। भारत प्राचीन काल से ही शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्ध रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
नई शिक्षा नीति से विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय भी भारत में अपने संस्थान शुरू कर सकेंगे, वहीं भारतीय शिक्षण संस्थान विदेशों में अपनी शाखाएं खोल सकेंगे। भारत में छात्रों को कम खर्च में विश्व स्तरीय शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी। आज भारत में आईआईटी, आईआईएम, आईएफ, सिम्बायोसिस जैसे संस्थान विदेशों में शुरू हो चुके हैं। विदेशी विश्वविद्यालय भारत में आकर शिक्षा प्रदान करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत को विकसित बनाने और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है।
गुजरात-अहमदाबाद दुर्घटना में मारे गए यात्रियों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी कौस्तुभ धावसे ने की। कार्यक्रम का परिचय सिडको के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने दिया। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा सचिव विनीत जोशी ने अपने विचार व्यक्त किए।