देवनार बिजली परियोजना में देरी (pic credit; social media)
Maharashtra News: देवनार डंपिंग ग्राउंड में कचरे से बिजली बनाने की परियोजना एक बार फिर लटक गई है। BMC ने इस प्रोजेक्ट को मार्च 2026 तक पूरा करने और जून 2026 से बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन फिलहाल काम का केवल 80 फीसदी हिस्सा ही पूरा हो सका है। अब इसकी समय-सीमा को बढ़ाकर अक्टूबर 2026 कर दिया गया है।
इस परियोजना के तहत रोजाना 600 मीट्रिक टन कचरे से लगभग 8 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा। इसे चेन्नई एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड कंपनी तैयार कर रही है। बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। संयंत्र में गैस ट्रीटमेंट सिस्टम, सूखा चूना, चारकोल और हाई-एफिशिएंसी चिमनी जैसी आधुनिक तकनीकें इस्तेमाल की जाएंगी।
वहीं, देवनार डंपिंग ग्राउंड पर पुराने कचरे को हटाने का काम भी बायोमाइनिंग तकनीक से जारी है। इसके लिए नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी को ठेका दिया गया है। इस प्रक्रिया में 185 लाख टन पुराने कचरे को वैज्ञानिक तरीके से निपटाया जाएगा। इस काम पर 2,368 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बायोमाइनिंग में प्राकृतिक तत्वों, जैसे हवा और धूप की मदद से कचरे का रीसाइक्लिंग किया जाता है।
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देवनार डंपिंग ग्राउंड का कुल क्षेत्रफल करीब 311 एकड़ है। इसमें से 124 एकड़ जमीन को साल 2024 में आवासीय इमारतों के निर्माण के लिए आरक्षित किया गया था। यहां धारावी के निवासियों के पुनर्वास की योजना है। इसके लिए 271 एकड़ भूमि को पूरी तरह से साफ किया जाएगा, जिसमें बिजली उत्पादन और बायो-सीएनजी संयंत्र लगाने के लिए जगह भी शामिल होगी। बीएमसी के अनुसार, इस ग्राउंड से हर दिन करीब 2,300 मीट्रिक टन कचरा हटाने की प्रक्रिया जारी है।
स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों की निगाहें इस परियोजना पर टिकी हैं। अगर यह समय पर पूरी होती है, तो न केवल मुंबई के लिए कचरा प्रबंधन की बड़ी चुनौती आसान होगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा का एक नया स्रोत भी तैयार होगा।