BMC (pic credit; social media)
Mumbai News In Hindi: भूमिपूजन के एक वर्ष बाद भी बीएमसी का ठोस कचरा प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर बनाने का प्रस्ताव विकास योजना से जुड़े नियमों के कारण अब तक अधर में लटका हुआ है।
अक्टूबर 2024 में बीएमसी ने ‘आश्रय योजना’ के तहत एसडब्ल्यूएम विभाग के सफाई कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर बनाने का प्रस्ताव पेश किया था, जिस भूखंड पर यह क्वार्टर बनाया जाना है, उसका एक हिस्सा मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) के स्वामित्व में है।
जिसे नागरिक निकाय को भवन निर्माण के लिए लीज पर दिया है। कुल 1.892.15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले इस भूखंड में से लगभग 1,403 वर्ग मोटर बीएमसी क स्वामित्व में है, जबार 489।13 वर्ग मीटर एमबीपीटी के नाम पर है। हालांकि, बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती लीज अनुबंध बीएमसी की विकास योजना (डीपी) 1991 के तहत तैयार किया गया था, जिसमें केवल 878।23 वर्ग मीटर क्षेत्र का उपयोग आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए अनुमति थी।
कोलाबा के पूर्व नगरसेवक मकरंद नार्वेकर ने भी पोर्ट ट्रस्ट अधिकारियों को लिखे एक पत्र में इस प्रक्रिया को तेज करने की मांग की। उन्होंने कहा, “सफाई कर्मचारी एमबीपीटी के व्यापक स्वच्छता बल का हिस्सा हैं, जिनके लिए 2024 में पुनर्विकास निविदा प्रस्तावित की गई थी ताकि उन्हें नए आवास मिल सकें।
सफाई कर्मचारी पोर्ट ट्रस्ट के व्यापक स्वच्छता बल का हिस्सा है, जिनके लिए ही 2024 में पुनर्विकास निविदा प्रस्तावित की गई थी ताकि उन्हें नए आवास मिल सकें। यह परियोजना बीएमसी की आश्रय योजना के अंतर्गत विकसित की जानी है। इसलिए इसे प्राथमिकता दी जाए।
– मकरंद नार्वेकर, पूर्व नगरसेवक, कोलाबा
ये भी पढ़ें :- CM Devendra Fadnavis ने शहीद पुलिसकर्मियों को किया नमन, परिजनों के साथ भी की मुलाकात
एक अधिकारी ने बताया, “वर्तमान में पुराने लीज और लाइसेंस अनुबंध की अवधि समाप्त हो चुकी है। इसलिए हमने एमबीपीटी को प्रस्ताव दिया है कि नया अनुबंध डीपी 2034 के नियमों के अनुसार तैयार किया जाए, जिससे हम 1,804 वर्ग मीटर क्षेत्र का उपयोग कर सकें और अधिक लाभार्थियों के लिए फ्लैट बना सकें। बीएमसी के अभिलेखों के अनुसार, 7 अक्टूबर को उपायुक्त (डीएमसी) कार्यालय की ओर से पोर्ट ट्रस्ट अधिकारियों को एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें भूखंड हस्तांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया गया था। पत्र में कहा गया था, सभी सफाई कर्मचारी और मौजूदा निवासी एक ही स्थान पर पुनर्वासित किए जाने है। इसलिए 1,804 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र इस विकास परियोजना के लिए आवश्यक है।