
ठाकरे बंधु Vs महाविकास आघाड़ी (सौ. सोशल मीडिया )
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 246 नगर पालिका, नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव की घोषणा कर दी गई है। इन चुनावों के बाद 29 नगर निगम के भी चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि इन चुनावों में कांग्रेस ने राज ठाकरे की मनसे के साथ किसी भी प्रकार के तालमेल से साफ़ इंकार कर दिया है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल के नेतृत्व में प्रमुख नेताओं की हुई अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है। पार्टी का मानना है कि मनसे के साथ मन मिलाना, उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। अब इस बारे में प्रदेश कांग्रेस की टीम पार्टी हाईकमान को सूचित करेगी, जो अंतिम फैसला लेगी।
उद्धव ठाकरे व उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच बढ़ती नजदीकियों की वजह से उनका गठबंधन तय माना जा रहा है। फिलहाल उद्धव, कांग्रेस व शरद पवार की राकां के साथ विपक्ष की महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है। उद्धव चाहते हैं कि इस आघाड़ी में राज की भी एंट्री हो जाए, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है।
उन्हें लगता है कि राज की एंट्री से उनके पारंपरिक उत्तर भारतीय और अल्पसंख्यक वोटर्स नाराज हो जाएंगे। जिसका सीधा फायदा बीजेपी व महायुति में शामिल दलों को मिलेगा। इस वजह से कांग्रेस को कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है, कांग्रेस का यह भी मानना है कि राज के साथ किसी भी तरह की नजदीकी का असर बिहार में चल रहे विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।
हाल के दिनों में वोट चोरी और वोटर्स लिस्ट की गड़बड़ी के मुद्दे पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ आघाड़ी के नेता साथ नजर आए हैं। लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सपकाल हमेशा से राज के साथ मंच शेयर करने से दूर रहे हैं।
एक नवम्बर की रैली में भी उन्होंने कांग्रेस के सीनियर नेता बालासाहेब थोरात को भेजा था, लेकिन खुद दूरी बनाई थी। इसका भी एक बड़ा सन्देश है। मनसे नेता बाला नंदगांवकर ने कहा कि हमारी तरफ से कांग्रेस को कोई गठबंधन का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, इसलिए अस्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य के किसी भी गठबंधन पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ही फैसला लेंगे।
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कुछ दिनों पूर्व मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा था कि हमारी पार्टी निकाय चुनाव में न त्तो उद्धव और न ही राज ठाकरे से कोई समझौता करेगी, हालांकि उस समय मुंबई कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा था कि अंतिम फैसला हाई कमान लेगा।






