मुंबई झुग्गीवासियों का विरोध प्रदर्शन (pic credit; social media)
Mumbai Slum Dwellers Protest: मुंबई बोरीवली-मागाठाणे क्षेत्र के झोपड़पट्टी रहवासी ठाणे टनेल रोड प्रोजेक्ट के कारण विस्थापित होने को मजबूर हैं। एमएमआरडीए ने 6 से 8 अक्टूबर तक घर खाली करने का नोटिस जारी किया है। लेकिन प्रभावित नागरिक अपने घरों के बदले उचित विकल्प न मिलने पर घर खाली करने से इंकार कर रहे हैं।
एमएमआरडीए ने अस्थाई रूप से उन्हें शिवशाही पुनर्वास परियोजना, गणेशनगर, कांदिवली में आवंटित किया है। इस कदम से झोपड़पट्टी निवासियों में डर और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। लोग चिंतित हैं कि यदि उन्हें नए घरों में स्थायी रूप से स्थान नहीं मिलेगा तो उनका भविष्य अनिश्चित हो जाएगा।
इस बीच, प्रभावित निवासियों ने पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी से मदद मांगी। शेट्टी ने स्थानीय लोगों के न्याय की लड़ाई में उनका समर्थन करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बातचीत की है और प्रशासन को निवासियों के मुद्दों को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है।
गोपाल शेट्टी का मानना है कि दीपावली के पहले घरों को जबरन नहीं तोड़ा जाना चाहिए। इसके अलावा, प्रभावित नागरिकों को उनके आसपास उचित और स्थायी आवास विकल्प उपलब्ध कराना आवश्यक है। शेट्टी का यह कदम स्थानीय लोगों में राहत और विश्वास की भावना पैदा कर रहा है।
स्थानीय जनता ने भी शेट्टी पर भरोसा जताया है। लोगों का कहना है कि पूर्व सांसद की सक्रियता और अधिकारियों से उनकी बातचीत से समस्या का समाधान निकलेगा। झोपड़पट्टी में रहने वाले लोग अब प्रशासन और शेट्टी के बीच वार्ता के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
इस पूरी स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बड़े प्रोजेक्ट के बावजूद स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा और उचित आवास व्यवस्था सुनिश्चित करना कितना जरूरी है। एमएमआरडीए और प्रशासन अब दबाव में हैं कि वे लोगों के अधिकारों का सम्मान करें और उन्हें न्यायपूर्ण विकल्प प्रदान करें।