मुंबई न्यूज
Mumbai News In Hindi: शहर के सड़कों पर लावारिस वाहनों की संख्या बढ़ने के बाद यह बीएमसी के लिए सिरदर्द बन गया है। लावारिस वाहनों से ना सिर्फ ट्रैफिक की समस्या पैदा हो रही है, बल्कि इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
इसके अलावा असामाजिक तत्वों का अड्डा भी बनते जा रहा है। इन खटारा वाहनों से बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी कुछ महीने पहले बीएमसी को फटकार लगाई थी, जिसके बाद बीएमसी अधिकारी एक्शन मोड में दिखे। सार्वजनिक सड़कों पर अवैध रूप से छोड़ दिए गए लावारिस व कबाड़ वाहनों की निकासी की कार्रवाई मनपा ने शुरू कर दी है।
1 अक्टूबर 2025 तक शहर में अब तक कुल 8 हजार 36 लावारिस वाहनों को चिहित किया गया है। इनमें से 7 हजार 42 वाहन मालिकों को बीएमसी द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जबकि 3500 कबाड़ वाहनों को ‘टोइंग’ कर ठेकेदार के यार्ड तक पहुंचाया गया है। बीएमसी सार्वजनिक स्थलों पर लंबे समय से खराब हालत में पड़े लावारिस वाहनों की पहचान कर नियमानुसार निकासी के लिए बाहरी एजेंसियों को नियुक्त किया है।
बीएमसी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, मुख्य शहर विभाग में कुल 18:16 लावारिस वाहन मिले, जिनमें से 1613 वाहन मालिकों को नोटिस भेजे गए और 878 वाहनों की ‘टोइंग’ हुई यानी उसे संबंधित जगहों से हटा दिया गया है। वहीं पूर्वी उपनगर में 2172 लावारिस वाहन चिंहित किए गए हैं, जिनमें से 2069 मालिकों को नोटिस भेजे गए और 1023 वाहनों की ‘टोइंग’ हुई है।
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पश्चिम उपनगर में 4048 खटारा वाहन मिले, जिनमें से 3360 मालिकों को नोटिस भेजे गए और 1598 वाहनों को ‘टोइंग’ कर ठेकेदार के यार्ड में भेजा गया। वाहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यदि नोटिस मिलने के 72 घंटे के भीतर वाहन को सार्वजनिक सड़क से नहीं हटाया जाता है, तो वाहन को टोइम’ कर ठेकेदार के यार्ड में ले जाया जाता है। 30 दिन बाद वाहन की निकासी कर दी जाती है और इस पर कोई दावा नहीं किया जा सकता। इसलिए यदि ‘टोइंग कर यार्ड में जमा किया गया वाहन वापस लेना हो तो मालिक को 30 दिन केके भीतर दंड राशि भरनी होगी।