मुंबई में स्थित ब्रिटिश कालीन फव्वारे (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: बीएमसी शहर में ब्रिटिश काल में निर्मित 17 जल फव्वारों (वाटर फाउंटेन) जिन्हें स्थानीय रूप से प्याऊ कहा जाता है, उसके पुनर्स्थापना और सौंदर्याकरण का काम करने जा रही है।
इस परियोजना पर अनुमानित 16.35 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बीएमसी ने गुरुवार को इस कार्य के लिए टेंडर जारी कर इच्छुक ठेकेदारों को बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया है। यह परियोजना करीब डेढ़ वर्ष में पूरी की जानी है।
फव्वारे मूलतः पानी के फिल्टर जैसे होते थे, सजावटी पेयजल फव्वारे, जिन पर नल लगे होते थे और पूरे दिन पानी उपलब्ध रहता था। 19वीं और 20वीं सदी के बीच मुख्य रूप से दक्षिण मुंबई में बनाए गए ये प्याऊ अक्सर दानदाताओं द्वारा अपने प्रियजनों की स्मृति में वित्तपोषित किए जाते थे।
एक समय शहर की जीवनशैली का अहम हिस्सा रहे ये प्याऊ आज जर्जर अवस्था में पड़े हैं, संरचनात्मक क्षति, वनस्पत्ति की वृद्धि और अतिक्रमण जैसी कई समस्याओं के कारण इनका स्वरूप बिगड़ गया है। ब्रिटिश काल की इस धरोहर को सरक्षित करने के उद्देश्य से बीएमसी ने शहर भर में इन फव्वारों के पुनस्थापना की पहल की।
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वर्ष 2018 में वास्तु विधान एक हेरिटेज संरक्षण संस्था ने 21 प्याऊ का सर्वे कर उनके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद बीएमसी ने पहले चरण में कुछ फव्वारों का काम पूरा कर लिया है और अब दूसरे चरण में 17 और फव्वारों को बहाल करने जा रही है। हालांकि सभी संरचनाएं पत्थर से बनी है, लेकिन वर्तमान में इनकी हालत काफी खराब है, कई फव्वारों की सतह पर काई जम गई है, कई जगह पत्थर उखड़ गए हैं।