BMC (pic credit; social media)
BMC Desalination Project: मुंबई में पश्चिमी उपनगर के मनोरी गांव में समुद्री जल को मीठा बनाने वाली BMC की डिसेलिनेशन परियोजना आखिरकार रफ्तार पकड़ने लगी है। लगभग दो साल के प्रयासों के बाद हैदराबाद स्थित जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड को सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चुना गया है। हालांकि कंपनी द्वारा प्रस्तावित राशि BMC के अनुमानित बजट से 26% अधिक है।
तकनीकी सलाहकार समिति अब इस मूल्य अंतर की समीक्षा करेगी और कंपनी के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करेगी कि समझौता आर्थिक और लागत प्रभावी हो। मनोरी डिसेलिनेशन प्लांट की प्रारंभिक क्षमता 200 एमएलडी होगी, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 400 एमएलडी तक किया जा सकेगा।
इस परियोजना का विचार 2019 में रखा गया था और मनोरी में 12 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई थी। 2023 तक किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण कई बार टेंडर की समय सीमा बढ़ानी पड़ी। अगस्त 2024 में टेंडर रद्द कर दिया गया क्योंकि केवल एक इजराइली कंपनी ने इसमें भाग लिया था।
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बीएमसी अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर के अनुसार, परियोजना कई महीनों तक ठंडे बस्ते में पड़ी रही, लेकिन अब 200 एमएलडी क्षमता वाले यूनिट की स्थापना पर काम शुरू हो जाएगा।
बीएमसी की योजना है कि भविष्य में वर्सोवा में भी एक नई डिसेलिनेशन परियोजना लागू की जाएगी। यह ‘डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर’ मॉडल पर होगी। निजी डेवलपर पूंजीगत लागत का वहन करेगा और बीएमसी उपचारित पानी के प्रति किलोलीटर दर से भुगतान करेगी।
मुंबई को प्रतिदिन लगभग 4500 एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन अब तक केवल 3950 एमएलडी पानी ही उपलब्ध हो पाता है। जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर बीएमसी लगातार पानी की आपूर्ति बढ़ाने के उपाय कर रही है।
इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से मनोरी और आसपास के क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति में सुधार होगा और समुद्री जल को मीठा बनाने की दिशा में शहर की योजना रफ्तार पकड़ पाएगी।