बाबासाहेब आंबेडकर को नमन करते राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे व अन्य (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mahaparinirvan Din Chaityabhoomi Tribute: समाज सुधारक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि (महापरिनिर्वाण दिवस) पर शनिवार को हजारों लोग मुंबई के दादर स्थित उनके स्मारक चैत्यभूमि पर एकत्र हुए। 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया था। समर्थकों की भारी भीड़ को देखते हुए, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने शिवाजी पार्क में आवश्यक इंतजाम किए थे।
आंबेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने शिवाजी पार्क में स्थित ‘चैतन्यभूमि’ पर आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
महाराष्ट्र के राज्यपाल देवव्रत ने कहा कि आंबेडकर ने देश को ऐसा संविधान दिया, जिसने सभी लोगों को समान अधिकार सुनिश्चित किए। उन्होंने 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कहा कि महान व्यक्ति सामाजिक न्याय के आंदोलनों को मजबूत करते हैं और अपने विचारों एवं कार्यों के जरिये हमेशा जीवित रहते हैं।
राज्यपाल ने बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों को साझा करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, बाबासाहेब का मानना था कि शिक्षा परिवार, समाज और देश का भविष्य बदलने का सबसे शक्तिशाली हथियार है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान ने विभिन्न समुदायों के लोगों को एकजुट किया और सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए।
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मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि आंबेडकर ने राष्ट्र की प्रगति की नींव रखी। उन्होंने टिप्पणी की कि आंबेडकर की दूरदर्शी सोच के कारण ही भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने वाला है।
फडणवीस ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा में आंबेडकर की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पावर ग्रिड अवधारणा अपनाने से देश ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सका। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान ने मजबूत लोकतांत्रिक आधार सुनिश्चित किया और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की। फडणवीस ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार ‘चैत्यभूमि’ स्मारक पर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।