ऐप टैक्सी (pic credit; social media)
Maharashtra App Taxi Rules: मुंबई से बड़ी खबर है। अब ओला, उबर, रैपिडो जैसी ऐप-आधारित टैक्सी सेवाएं अपनी मनमानी नहीं चला पाएंगी। महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को “महाराष्ट्र मोटर व्हीकल सौगेटर नियम, 2025” जारी करते हुए किराए, ड्राइवर के काम के घंटे और सुरक्षा मानकों के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू किए हैं। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि इसका उद्देश्य सुरक्षित, पारदर्शी और जवाबदेह परिवहन व्यवस्था तैयार करना है।
नए नियम अब सभी ऐप सेवाओं पर लागू होंगे। इसका मतलब है कि कोई भी ऐप बिना लाइसेंस के संचालन नहीं कर सकेगी। कंपनियों को अब राज्य परिवहन प्राधिकरण या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए अलग- अलग शुल्क और सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करना होगा, जो वाहन बेड़े के अनुसार तय किया गया है।
किराए पर भी सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं। पीक आवर्स में किराया बढ़ सकता है लेकिन अधिकतम 1.5 गुना और न्यूनतम 25% बेस किराए से कम नहीं होगा। कन्वीनियंस शुल्क 50% तक सीमित होगा और कुल कमीशन व शुल्क 10% से ज्यादा नहीं होगा।
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ड्राइवरों के लिए नियम और भी कड़े हैं। अब कोई ड्राइवर एक दिन में 12 घंटे से ज्यादा लॉग इन नहीं रह सकेगा और उन्हें कम से कम 10 घंटे का आराम अनिवार्य होगा। इसके अलावा, 30 घंटे का ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा करना होगा जिसमें ट्रैफिक सेफ्टी, यात्रियों के साथ व्यवहार और मोटिवेशन शामिल होगा। यदि किसी ड्राइवर की औसत रेटिंग 2 स्टार से कम हो जाती है तो उसे री-ट्रेनिंग पूरी होने तक ऐप से डिएक्टिवेट किया जाएगा।
सुरक्षा के लिहाज से, यात्रियों के लिए 5 लाख तक का ट्रैवल इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। वाहन की अधिकतम आयु ऑटो और टैक्सी के लिए 9 साल और बैरी के लिए 8 साल तय की गई है।
इसके अलावा, अब सभी ऐप मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होंगे। यात्रियों को लाइव लोकेशन और रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगी। दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष फीचर्स और वाहन सुविधाएं भी अनिवार्य होंगी।
सरकार का कहना है कि यह नियम “न्यू डिजिटल ट्रांसपोर्ट युग” की शुरुआत है। अब ऐप कंपनियों को पारदर्शी तरीके से काम करना होगा और ड्राइवरों को सुरक्षित कार्य वातावरण मिलेगा। यह कदम राज्य में डिजिटल टैक्सी सेवाओं को सुरक्षित, जिम्मेदार और व्यवस्थित बनाने की दिशा में बड़ा परिवर्तन साबित होगा।