उपमुख्यमंत्री अजित पवार व महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Ajit Pawar Slams Rupali Chakankar: सातारा जिले के फलटण जिला उपअस्पताल में कार्यरत महिला डॉक्टर की सुसाइड केस को लेकर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपनी ही पार्टी की नेता व राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर को फटकार लगाई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मैं सत्य के पक्ष में हूं और चाकणकर के बयान से सहमत नहीं हूं।
राज्य महिला आयोग जैसे संवैधानिक पद पर आसीन रूपाली चाकणकर सत्ता व विपक्ष के निशाने पर रही हैं। फलटण महिल डॉक्टर की आत्महत्या को लेकर दिए गए बयान पर बवाल खड़ा हुआ है। यहां तक की उनकी पार्टी के मुखिया अजित पवार ने नाराजगी जताई है।
एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने पीड़ित परिवार के साथ बात करने के बाद कहा कि मैं रूपाली के बयान से सहमत नहीं हूं। मैं पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ खड़ा हूं।
साथ ही अजित पवार ने यह भी चेतावनी दी है कि वे इस मामले को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ध्यान में लाएंगे। इसके बाद लगातार विवादों में रहने वाली रूपाली चाकणकर के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। ऐसे महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है।
शिवसेना (ठाकरे गुट) की नेता सुषमा अंधारे ने हमला बोलते हुए कहा कि रूपाली मृतक डॉक्टर को बदनाम कर रही हैं। उन्होंने सलाह दी कि एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि रूपाली चाकणकर को हटाकर महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर एक जिम्मेदार व्यक्ति की नियुक्ति करनी चाहिए।
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दरअसल मामला इस बात को लेकर खड़ा हुआ है कि बीते दिनों राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली ने कहा था कि मृतक डॉक्टर मोबाइल पर कितने लोगों से बात करती थी। सीडीआर में आरोपी बनकर के साथ उसकी बातचीत भी दिखाई गई है।
इधर कांग्रेस ने महाराष्ट्र के सातारा में मेडिकल ऑफिसर डॉ. संपदा मुंडे की मृत्यु को संस्थागत हत्या करार देते हुए महाराष्ट्र सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस्तीफे की मांग की है।
कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष व सांसद वर्षा गायकवाड़ और महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने बताया कि 23 अक्टूबर को भाईदूज के दिन सातारा के फलटण उप जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत डॉ. संपदा मुंडे को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।