वारिस पठान (सौजन्य-एक्स)
मुंबई: मुंबई 26/11 आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को आज 10 अप्रैल को भारत लाया जा रहा है। तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण से देश में खुशी का माहौल है कि अब मुंबई आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के साथ न्याय होगा। हालांकि, कुछ मास्टरमाइंड का पकड़े जाना अभी बाकि है। लेकिन तहव्वुर राणा इसके लिए अच्छी शुरुआत है। इस मामले में एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा, “26/11 का आतंकवादी हमला शहर में हुआ वो देश दुनिया कभी नहीं भूलेगी। इसकी जितना निंदा करो कम है। हम यहां रहते है हमने देखा है कि इस हमले ने कितने मासूमों की जान ली है। इस मामले से जुड़े तमाम लोगों को सजा मिलनी चाहिए। इस हमले के अंदर हमारे बहादुर सिपाही सालसकर साहब, हेमंत करकरे साहब ओंबले साहब को शहीद कर दिया गया।”
इस मामले में उन्होंने मुसलमानों का पक्ष रखते हुए कहा, “अजमल कसाब को पकड़ाया, ट्रायल चला और फांसी दी गई। देश के किसी भी इंसान ने इसका समर्थन नहीं किया। सभी ने इसकी निंदा की और जब अजमल कसाब को जब फांसी हुई थी तो मुसलमान को कब्रिस्तान में दफनाने के लिए जगह भी नहीं दी। ये भी हमने देखा है। अब तहव्वूर राणा को यहां लाया जा रहा है जो कि मास्टरमाइंड है। उसके साथ हेडली भी था जो अमेरिका में है और वो इंफॉर्मर बन गया है, जिसने गुनाह कबुल किया है। ऐसे लोगों को लाना चाहिए। तहव्वुर राणा को भी लाना चाहिए और फास्ट ट्रैक कोर्ट पर मामला चलाना चाहिए और फांसी की सजा दी जानी चाहिए।”
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा, “मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में तेजी से आगे बढ़ना चाहिए, और मामले को संभालने वाली एजेंसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के दुर्लभ मामले में सजा मौत हो। सरकार को उन्हें मौत की सजा देनी चाहिए।”
Mumbai, Maharashtra: On the extradition of 26/11 accused Tahawwur Rana to India, AIMIM leader Waris Pathan says, “…The trial should proceed quickly in the fast-track court, and the agency handling the case should ensure that in such a rare case, the punishment is death. The… pic.twitter.com/k5bdJyqwXe
— IANS (@ians_india) April 10, 2025
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण को सफलतापूर्वक सुरक्षित कर लिया है। यह काम 2008 के आतंकवादी हमले पीछे के मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कटघरे में लाने के लिए कई सालों तक लगातार और ठोस प्रयासों के बाद किया गया। राणा को उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के तहत अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा द्वारा इस कदम को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो पाया।