आदित्य ठाकरे व निशिकांत दुबे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे हिंदी-मराठी विवाद पर टिप्प्णी कर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्षी नेताओं ने दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को आड़े हाथ लिया। आदित्य ने दुबे पर पलटवार करते हुए उनकी बेशर्म टिप्पणियों के जरिए लोगों को भाषाई आधार पर बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
निशिकांत दुबे ने कथित तौर पर कहा था कि ‘‘पटक-पटक के मारेंगे।” गोड्डा के सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फ़ैसला कर लो।”
आदित्य ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि दुबे उत्तर भारतीयों का चेहरा नहीं हैं। वह भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये टिप्पणियां मराठी और हिंदी भाषी लोगों को बांटने के इरादे से की गई हैं। ये भाजपा की रणनीति का हिस्सा हैं, जब कोई विवाद न हो तो उसे पैदा करना तथा फूट डालो और राज करो।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों से लोग अपने सपने पूरे करने के लिए महाराष्ट्र आते हैं और सौहार्दपूर्ण ढंग से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे यहां खुशी-खुशी अपना कारोबार करते हैं। लेकिन कुछ तत्व अपने स्वार्थी एजेंडे के लिए महाराष्ट्र को जलाना चाहते हैं।
आदित्य ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं है बल्कि उसका लक्ष्य महाराष्ट्र पर हिंदी भाषा थोपने के भाजपा के कदम का विरोध जताना है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवक्ता आनंद दुबे भी उत्तर भारत से हैं।
बोरीवली के भाजपा विधायक संजय उपाध्याय और एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने भी निशिकांत दुबे की कथित टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की। संजय उपाध्याय ने कहा कि लोगों में कटुता पैदा करने वाले बयान देने से बचना चाहिए। यहां विभिन्न राज्यों से लोग आते हैं। मराठी लोगों के समर्थन के कारण वे (अपने प्रयासों में) सफल होते हैं। इसलिए मराठी भाषा या संस्कृति के खिलाफ बयान देना निंदनीय है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने भी दुबे पर उनकी टिप्पणी के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, चाहे वह हिंदी हो, गुजराती हो या मारवाड़ी हो। लेकिन महाराष्ट्र में जन्मे लोगों को चाहे वे मराठी जानते हों या नहीं, मराठी भाषा, उसकी पहचान और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।
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राेहित पवार ने कहा अगर कोई यहां आकर मराठी या महाराष्ट्र की संस्कृति को चुनौती दे तो हम उसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं? मैं दुबे जी से कहना चाहता हूं कि आप बिहार चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।