Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • TVK Rally Stampede |
  • Shardiya Navratri |
  • Asia Cup 2025 |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

26/11 Terror Attack: बरी व्यक्ति PCC के लिए पहुंचा हाई कोर्ट, आजीविका कमाने दूभर हुई जिंदगी

मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमला मामले में बरी किए गए फहीम अंसारी ने आजीविका कमाने के वास्ते ‘पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र' (पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट) की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Feb 27, 2025 | 05:51 PM

बंबई हाई कोर्ट (सौजन्य-एएनआई)

Follow Us
Close
Follow Us:

मुंबई: मुंबई 26/11 आतंकवादी हमले में बरी किया गया आरोपी अब उच्च न्यायालय पहुंचा है क्योंकि उस पर लश्कर से शामिल होने का आरोप लगा है। मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमला मामले में बरी किए गए फहीम अंसारी ने आजीविका कमाने के वास्ते ऑटोरिक्शा चलाने के लिए ‘पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट) की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है। मई 2010 में एक विशेष अदालत ने इस मामले में एकमात्र पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को दोषी ठहराया था और दो भारतीय आरोपियों, फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

दोनों पर सह-षड्यंत्रकारी होने और 26 नवंबर, 2008 को हुए हमले की साजिश रचने में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की सहायता करने और उसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे। बंबई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने बाद में दोनों को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा। हालांकि, अंसारी को उत्तर प्रदेश में एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया और दस साल जेल की सजा सुनाई गई।

प्रमाणपत्र जारी करने से किया इंकार

अंसारी ने पिछले महीने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की जिसमें कहा गया कि उसे अपनी आजीविका कमाने के लिए ऑटोरिक्शा चलाने के लिए ‘पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र’ की आवश्यकता है। अपनी याचिका में, अंसारी ने कहा कि अधिकारियों ने उसे इस आधार पर प्रमाणपत्र जारी करने से मना कर दिया कि उसपर एक आतंकवादी संगठन का सदस्य होने का आरोप है।

अंसारी ने याचिका में इस फैसले को ‘मनमाना, अवैध और भेदभावपूर्ण’ बताया और कहा कि इससे आजीविका कमाने के उसके मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है। याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता किसी भी कानूनी दोष या बाधा से मुक्त होकर कानूनी रूप से लाभकारी रोजगार में संलग्न होने का हकदार है।” इसमें कहा गया है कि सिर्फ इसलिए कि अंसारी पर 26/11 आतंकी हमले के मामले में मुकदमा चलाया गया था, ऐसा प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता जो उसे नौकरी के अवसरों का लाभ उठाने से वंचित कर दे, खासकर जब उसे सभी अदालतों ने बरी कर दिया हो।

अदालत से की गुहार

अंसारी ने अदालत से अधिकारियों को पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। याचिका के अनुसार, 2019 में जेल से रिहा होने के बाद अंसारी ने मुंबई में एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी हासिल की, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान वह प्रेस बंद हो गया। इसके बाद अंसारी ने तिपहिया ऑटोरिक्शा लाइसेंस के लिए आवेदन किया, जो उसे एक जनवरी, 2024 को मिला। इसके बाद उसने अनिवार्य ‘पुलिस अनापत्ति प्रमाणपत्र’ (पीसीसी) के लिए आवेदन किया, जो वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ऑटो-रिक्शा चलाने के लिए अनिवार्य है।

महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

जब उसे कोई जवाब नहीं मिला, तो अंसारी ने कहा कि उसने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी। इससे अंसारी को पता चला कि उसे प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि उस पर लश्कर का सदस्य होने का आरोप है। उसकी याचिका पर मंगलवार को उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। हालांकि, पीठ ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। अब इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ 17 मार्च को करेगी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

26 11 mumbai terror attack acquitted man moves hc seeking police clearance certificate

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Feb 27, 2025 | 05:51 PM

Topics:  

  • 26/11 Terrorist Attack
  • Bombay High Court
  • Mumbai News

सम्बंधित ख़बरें

1

मुंबई में BMC का नाला सफाई अभियान शुरू किया, शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने का प्रयास

2

आर्थर रोड जेल में मचा हड़कंप, कैदी ने अधिकारी पर किया हमला, अस्पताल में भर्ती

3

मुंबई के युवाओं को निशाना बनाने वाले नेटवर्क पर प्रहार, क्राइम ब्रांच ने जब्त की 32 लाख की ई-सिगरेट

4

वसई RTO में जब्त गाड़ियों की बड़ी ई-नीलामी, बस, ऑटो से लेकर कार तक 32 वाहन बिकेंगे ऑनलाइन

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.