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2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर ‘सुप्रीम’ रोक

2006 Mumbai Local Train Blast: मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट 2006 के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी 12 आरोपियों को बरी किया था, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Jul 24, 2025 | 11:45 AM

सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट (सौजन्य-सोशल मीडिया)

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2006 Mumbai Local Train Blast: मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट 2006 के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी 12 आरोपियों को बरी किया था, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, अब बरी हुए सभी आरोपियों को फिलहाल वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा।

2006 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्चर्य जताया था। उन्होंने कहा था कि बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला बेहद चौंकाने वाला है और इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोटों के सिलसिले में बारह आरोपियों को बरी करने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्थगन आदेश का जेल से रिहा होने वाले आरोपियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Supreme Court stays Bombay High Court judgement that acquitted twelve accused persons in connection with the 2006 Mumbai train blasts pic.twitter.com/A8KDPYBceI — ANI (@ANI) July 24, 2025

बॉम्बे हाई कोर्ट ने किया था बरी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने विशेष टाडा न्यायालय द्वारा लिए गए फैसले पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया। बंबई उच्च न्यायालय की विशेष पीठ पिछले पांच महीनों से विस्फोट मामले से संबंधित अपीलों पर दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति एस. चांडक की खंडपीठ ने कहा था कि “जो भी सबूत पेश किए गए, उनमें कोई ठोस तथ्य नहीं था, और इसी आधार पर सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।”

यह भी पढ़ें – मुंबई लोकल ब्लास्ट: बरी हुए अब्दुल शेख ने की दोबारा जांच की मांग, कहा- SIT…

महाराष्ट्र सरकार की चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट की सहमति

महाराष्ट्र सरकार की चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर 24 जुलाई को सुनवाई करने पर मंगलवार को सहमति व्यक्त की थी। इस को लेकर आज फैसला सुनाते हुए कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।

मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामला

साल 2006 में 7 जुलाई को मुंबई में लोकल लाइनों पर 7 बम विस्फोट हुए थे। इन विस्फोटों में कुल 189 नागरिकों की जान चली गई और लगभग 820 निर्दोष लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। 11 जुलाई, 2006 को मुंबई की पश्चिमी रेलवे लोकल लाइन पर बम विस्फोटों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए 5 आरोपियों को मौत की सजा और 7 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

2006 bombay local train blast sc stays bombay hc verdict

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Published On: Jul 24, 2025 | 11:24 AM

Topics:  

  • Blasts
  • Bombay High Court
  • Supreme Court

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