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मीरा-भाईंदर की 1.31 लाख झुग्गी आबादी योजनाओं से वंचित, अधूरा सर्वे बना बड़ी बाधा

Mumbai News: मीरा-भाईंदर की 46 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 1.31 लाख लोग अब तक सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। अधूरे सर्वे और प्रशासनिक सुस्ती के कारण उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रहीं।

  • By सोनाली चावरे
Updated On: Sep 02, 2025 | 08:38 AM

मुंबई झोपड़पट्टी ([pic credit; social media)

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Maharashtra News: मीरा-भाईंदर महानगर पालिका (MBMC) क्षेत्र की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले हजारों नागरिक आज भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अब तक इन बस्तियों को आधिकारिक रूप से ‘झुग्गी बस्ती’ घोषित नहीं किया गया और न ही सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी हो सकी। अधूरे सर्वे और प्रशासनिक ढिलाई ने करीब 1.31 लाख नागरिकों का जीवन कठिन बना दिया है।

एमबीएमसी क्षेत्र में फिलहाल 46 झुग्गी बस्तियां हैं। इनमें से 11 नमक विभाग की जमीन पर, 14 महाराष्ट्र सरकार की भूमि पर और 21 निजी भूखंडों पर स्थित हैं। इन बस्तियों में लगभग 27,507 घरों में करीब 1.31 लाख लोग रहते हैं। झुग्गी घोषित न होने के कारण उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, रमाई आवास योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

कानूनी अड़चनें और धीमी प्रक्रिया

स्थिति इसलिए भी जटिल है क्योंकि कई झुग्गियां सीआरजेड-1, 2 और 3 जोन, मैंग्रोव बफर, औद्योगिक क्षेत्रों व राज्य गृहनिर्माण निगम की जमीन पर बसी हैं। इनका पुनर्वास करने के लिए अलग-अलग विभागों से मंजूरी जरूरी है। अब तक मात्र 17,262 घरों का ही सर्वेक्षण हो पाया है, जबकि पात्रता तय करने के लिए मतदाता सूची (जनवरी 2000), राशन कार्ड, पासबुक, स्कूल सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज जरूरी हैं।

नगर रचना विभाग के सहायक निदेशक पुरुषोत्तम शिंदे के अनुसार, झुग्गी घोषित करने का प्रस्ताव महाराष्ट्र सरकार के झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास विभाग को भेजा जाएगा। वहीं, अतिरिक्त आयुक्त डॉ. संभाजी पानपट्टे ने बताया कि आयुक्त राधाबिनोद शर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक होगी और एक निजी एजेंसी से सर्वे रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इसके बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

बुनियादी सुविधाओं से वंचित

सर्वेक्षण और मान्यता में देरी की वजह से मलिन बस्ती पुनर्वास योजना, जिला विकास योजना और दलित बस्ती योजना का लाभ झुग्गीवासियों तक नहीं पहुंच पाया है। नतीजतन, यहां रहने वाले लोगों को आज भी पानी, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है। उचित पुनर्वास न होने के कारण उनका जीवन असुरक्षित और असुविधाजनक बना हुआ है।

1 31 lakh slum population of mira bhayander deprived of schemes incomplete survey becomes big hurdle

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Published On: Sep 02, 2025 | 08:38 AM

Topics:  

  • Maharashtra News
  • Mumbai
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