मुंबई विरासत मिलन
Mumbai News: मुंबई महानगर में रहनेवाला हिंदी भाषी समाज खासकर उत्तर भारतीय लोग लगभग डेढ़ दशक पहले कांग्रेस के परंपरागत वोटर के रूप में जाने जाते थे। लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद देश के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गए। कांग्रेस का उत्तर भारतीय वोट बैंक बिदक गया।
पार्टी के उस खोए जनाधार को फिर हासिल करने लिए सांसद व मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने उत्तर भारतीयों और मेहनतकशों को पार्टी से जोड़ने की कवायद शुरू की है। वर्षा के मार्गदर्शन तथा मुंबई कांग्रेस से उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अवनीश सिंह के नेतृत्व में ‘मुंबई विरासत मिलन अभियान’ शुरू करने की योजना बनाई है।
मुंबई कांग्रेस के कार्यालय राजीव गांधी भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद वर्षा ने ‘मुंबई विरासत मिलन अभियान’ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर भारतीय समुदाय, मुंबई और कांग्रेस पार्टी का गहरा नाता है। मुंबई में आए उत्तर भारतीय समुदाय के लिए कांग्रेस एक बड़ा सहारा रही है।आज जब राजनीतिक दल उत्तर भारतीयों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और उसी साजिश के तहत कुछ लोग हिंदी भाषियों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं, उन्हें पीट रहे हैं।
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वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में भी कांग्रेस हिंदी भाषियों के साथ मजबूती से खड़ी है। वर्षा ने कहा कि उत्तर भारतीय समुदाय को कांग्रेस पार्टी से मजबूती से जोड़ने का प्रयास फिर से शुरू किया जा रहा है। इसके लिए पार्टी ‘मुंबई विरासत मिलन’ अभियान शुरू कर रही है। वर्षा ने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने मुंबई में उत्तर भारतीयों को विभिन्न पद दिए हैं। उन्हें नगरसेवक, विधायक, सांसद, मंत्री जैसे पद देकर सम्मानित किया गया है।
केंद्र सरकार के त्रिभाषा सूत्र के तहत राज्य के प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा से तीन भाषा पढ़ाने का निर्णय महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने हाल ही में लिया था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस सहित कुछ मराठी भाषी संगठनों ने सरकार पर जबरन हिंदी थोपने का आरोप लगाया। मनसे और यूबीटी ने निर्णय का उग्र विरोध किया तो राज्य सरकार ने जीआर को वापस ले लिया, लेकिन इसके बाद भी मनसे और यूबीटी कार्यकर्ता मराठी बोलने में असमर्थ हिंदी भाषियों को पीट रहे हैं। इसका नमूना मीरा रोड में देखने को मिला।
मनसे के आंदोलन को कांग्रेस, बीजेपी का षड्यंत्र बता रही है। कांग्रेस का आरोप है कि हिंदी भाषी वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी ने मराठी भाषियों को भड़काने की योजना बनाई है। उसी योजना के तहत त्रिभाषा सूत्र को बिना किसी अध्ययन के राज्य में लागू किया गया। लेकिन सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से तीन भाषा पढ़ाने का विरोध करने वाली कांग्रेस ने हिंदी भाषियों की पिटाई का विरोध किया है।
वर्षा ने कहा कि मैं भी मराठी हूं। मेरी पढ़ाई मराठी माध्यम स्कूल में ही हुई है। हमें पांचवी कक्षा से अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाया गया था। महायुति सरकार की नियत पर सवाल खड़े करते हुए सांसद वर्षा ने कहा कि जब राज्य के स्कूलों में पांचवी कक्षा से तीन भाषा पहले से ही बिना किसी विरोध के पढ़ाई जा रही है तो बीजेपी सरकार पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाने की जल्दबाजी क्यों कर रही है? वर्षा ने कहा कि हम हिंदी थोपने का विरोध संवैधानिक मार्ग से करने का समर्थन करते हैं। मनसे, यूबीटी कार्यकर्ताओं के हाथों हिंदी भाषियों की पिटाई पर उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन के अस्तित्व पर सवाल उठाया।
सांसद वर्षा ने कहा कि उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ के इस अभियान के तहत मुंबई शहर के विभिन्न इलाकों में कार्यक्रम आयोजित करके उत्तर भारतीय समुदाय से जनसंपर्क बढ़ाने की पार्टी की योजना है। इसके लिए उत्तर भारतीयों की बहुलता एवं प्रभाव वाले क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उत्तर भारतीय समाज के लोगों से मिलकर उन्हें दूसरी पार्टियों की नफरती राजनीति की जानकारी देंगे।
मुंबई में उत्तर भारतीयों के विकास में कांग्रेस के योगदान की जानकारी दी जाएगी और कांग्रेस पार्टी से पुराने रिश्तों को फिर से मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए उत्तर भारतीय समाज के प्रभावशाली लोगों की भी पार्टी मदद लेने की कोशिश करेगी। अभियान के तहत उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ प्रत्येक जिले, प्रत्येक तालुका और वार्डों में कार्यक्रम आयोजित करेगा।इसका उद्देश्य प्रत्येक जिले में संगठन को मजबूत करना है।
सांसद वर्षा गायकवाड़ ने विश्वास व्यक्त किया कि कांग्रेस पार्टी बड़े पैमाने पर आंदोलनों और आंदोलनों के माध्यम से उत्तर भारतीय समाज की प्रमुख समस्याओं, चाहे वह रेलवे हो या फेरीवाले, सभी के लिए काम करेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अवनीश तीर्थराज सिंह, मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरेश राजहंस, रत्नेश सिंह, डॉ. सतेंद्र, बब्बू खान, कचरू यादव व निजामुद्दीन राइन आदि उपस्थित थे।