मुंबई: मुंबई (Mumbai) से नवी मुंबई (Navi Mumbai) को जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज एमटीएचएल (MTHL) का काम फुल स्विंग में है। शिवड़ी (Sewri) से न्हावा शेवा के बीच लगभग 22 किलोमीटर का मुंबई ट्रान्स हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbor Link) आकार ले रहा है।
एमएमआरडीए के कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास ने बताया कि पैकेज 1, 2 और 3 का 76% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। सितंबर या अक्तूबर 2023 तक इस बहुउद्देशीय ब्रिज पर यातायात शुरू करने का लक्ष्य है। एमएमआरडीए के अनुसार, कोविड के बाद की परिस्थिति में तेजी से बदलाव आया है। इस परियोजना को वित्तीय मदद करने वाली जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) को भेजी गई नवीनतम तिमाही रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले कुछ माह से काम में अभूतपूर्व तेजी आई है।
जेआईसीए को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविडकाल की विपरित स्थिति में जिस तरह परियोजना प्रभावित हुई, उससे लगा कि यह 2025 तक भी पूरी नहीं होगी, लेकिन पिछली जुलाई से ही काम बहुत तेजी से हुआ। कार्य मोर्चे पर कई बदलाव के साथ रणनीतिक योजना, निरंतर निगरानी और समीक्षा के चलते एमटीएचएल काम तेजी से हो रहा है।
एमटीएचएल पर दो शिफ्टों की बजाय 3 शिफ्ट में काम हो रहा है। “त्वरित कार्य” योजना के तहत परियोजना को क्रमिक रूप से पूरा करने के बजाय समानांतर रूप से कई मोर्चों पर एक साथ काम शुरू हुआ। निर्माण स्थलों पर दैनिक औसत जनशक्ति की तुलना में चार गुना अधिक मानव शक्ति लगाईं गई है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान आयुक्त ने स्वयं 20 से अधिक साइट बिजिट और लगभग 40 समीक्षा बैठकें की हैं।
एमटीएचएल का वास्तविक निर्माण तीन पैकेजों में चल रहा है। पहले पैकेज में पुल का लगभग 50 प्रतिशत शामिल है, जिसमें शिवड़ी में इंटरचेंज सहित बंदरगाह के पार 10.38 किलोमीटर पुल का निर्माण शामिल है। दूसरे पैकेज में 7.8 किलोमीटर पुल का निर्माण शामिल है, जबकि तीसरे पैकेज में नवी मुंबई में इंटरचेंज सहित शेष 3.6 किलोमीटर पुल का निर्माण शामिल है। जेआईसीए को भेजी एमएमआरडीए की त्रैमासिक रिपोर्ट के अनुसार, एमटीएचएल के पहले पैकेज पर 31 मार्च, 2022 तक कुल मिलाकर 4.4 करोड़ मानव घंटे दर्ज किए गए हैं। इसमें से 31 प्रतिशत केवल 9 महीनों में मार्च 2022 तक दर्ज किए गए थे। दूसरे पैकेज के लिए दैनिक औसत जनशक्ति 2,295 के संचयी औसत के मुकाबले 10,806 रही है।
तीन चरणों में होने वाले पाइलिंग वर्क का लगभग 90 प्रतिशत कार्य हो चुका है। जिसमें पहले पैकेज में 80 प्रतिशत पाइल कैप और दूसरे पैकेज में 93 प्रतिशत शामिल हैं। तीसरे पैकेज के पाइल कैप का कार्य 80 प्रतिशत हो गया है। मुंबई और नवी मुंबई दोनों तरफ से काम चल रहा है।
देश में किसी भी ब्रिज निर्माण के लिए पहली बार ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक स्पैन की लांचिंग की गई। 70 से लेकर 120 मीटर वाले ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक एक सुपरस्ट्रक्चर है जो तीन पैन के बीच वाहनों का भार अधिक कुशलता वहन करता है। यह स्टील पैन जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, ताइवान और म्यांमार में तैयार किए गए हैं।
वर्ष 2018 में शुरू हुई इस परियोजना पर लगभग 18,300 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एमएमआरडीए इसे 2022 तक पूरा करने की उम्मीद कर रहा था। कोविड-19 की चुनौतियों, मजदूरों की कमी और अन्य रुकावटों के बावजूद एमएमआरडीए ने अब वर्ष 2023 में ही पूरा करने का लक्ष्य रखा है।