मुंबई: आर्थिक राजधानी मुंबई को 21वीं सदी के शहर नवी मुंबई (Navi Mumbai) से जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा मुंबई ट्रांस हार्बर सी ब्रिज (Mumbai Trans Harbor Sea Bridge) अपने निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच गया है। एमटीएचएल (MTHL) के निर्माण से न सिर्फ मुंबई (Mumbai) से नवी मुंबई की दूरी सिमटने वाली है,बल्कि एमएमआर (MMR) का दायरा बढ़ने भी बढ़ने वाला है। वैसे एमएमआर मुंबई शहर व उपनगर के साथ ठाणे, पालघर और रायगढ़ तक फैला हुआ है। एमटीएचएल का सबसे ज्यादा लाभ नवी मुंबई से सटे रायगढ़ जिले को होने वाला है। एमटीएचएल परियोजना की कुल प्रगति 94 प्रतिशत तक हो गई है।
एमएमआरडीए कमिश्नर एसवीआर श्रीनिवास के अनुसार, एमटीएचएल एमएमआर के लिए गेम चेंजर प्रोजेक्ट साबित होने वाला है। पैकेज-1 औऱ 2 के लिए पूरे सेगमेंट की कास्टिंग पूरी हो चुकी है। कमिश्नर श्रीनिवास के मुताबिक, हम एक और मील का पत्थर पार कर चुके हैं, इस तरह परियोजना के पूरा होने की दिशा में काफी करीब आ गए हैं।
एमटीएचएल के पूरा हो जाने पर 22 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल (समुद्र पर 16 किमी और जमीन पर लगभग 6 किमी) होगा। यह ब्रिज चिर्ले तक है, जहां से जेएनपीटी के लिए भी कनेक्टिविटी है। ब्रिज की वजह से मुंबई और नवी मुंबई के बीच सड़क की दूरी और यात्रा के समय को एक-चौथाई तक कम कर देगा। इसके अलावा नवी मुंबई से पुणे, गोवा, पनवेल और अलीबाग के विस्तारित क्षेत्रों को मुंबई से सीधी कनेक्टिविटी होगी। इस समय एमएमआर का विस्तार 2,454 वर्ग मील तक है। एमटीएचएल के शुरू हो जाने पर इसका विस्तार लगभग 3,000 वर्ग मिल तक हो जाएगा।
एमटीएचएल का काम 4 पैकेज में शुरू है। पैकेज-1 में शिवड़ी से समुद्र में 10.380 किमी तक है। पैकेज-2 में (10.380 किमी) से समुद्र में 18.189 किमी और पैकेज-3 (18.187) किमी से नवी मुंबई के चिरले की तरफ जमीन पर 21.80 किमी तक है। मुंबई की तरफ से भी काम अपने अंतिम चरण में है। शिवडी-वर्ली कनेक्टर का काम भी तेजी से चल रहा है। उधर नावाशेवा से पनवेल तक कनेक्टर्स के माध्यम से मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना है।
एमएमआरडीए के अनुसार, तीन सिविल कार्य पैकेजों की शुरुआत की 23 मार्च, 2018 को हुई थी। वैसे पैकेज-1 में 93 प्रतिशत, पैकेज-2 में 93 प्रतिशत और पैकेज-3 में 98 प्रतिशत प्रगति हुई है। स्वयं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नियमित रूप से कार्य का जायजा लेते हैं ।
देश में पहली बार उत्कृष्ट इंजीनियरिंग के तहत ओएसडी तकनीक से सी ब्रिज का निर्माण हो रहा है। यह एक स्टील डेक सुपरस्ट्रक्चर है,जो कंक्रीट सुपरस्ट्रक्चर की तुलना में ब्रिज पर अधिक भार वहन कर सकता है। ये जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम,ताइवान और म्यांमार में तैयार किए गए हैं।
अब पैकेज-4 के तहत एमटीएचएल ब्रिज पर इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, कमांड कंट्रोल सेंटर, टोल मैनेजमेंट सिस्टम, इलेक्ट्रिकल वर्क्स, हाईवे इल्यूमिनेशन सिस्टम, टोल प्लाजा और प्रशासनिक भवनों के निर्माण से संबंधित कार्य शामिल हैं। एमटीएचएल को 2023 के अंत शुरू होने की उम्मीद है।
लगभग 18 हजार करोड़ की लागत से मुंबई के शिवडी और न्हावा शेवा को जोड़ने दोनो तरफ 6 लेन वाले एमटीएचएल पर रोजाना 70 हजार वाहनों का आवागमन होगा।