श्रीगोंदा विधानसभा सीट
अहमदनगर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। जिसमें फिलहाल 99 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इसमें श्रीगोंदा विधानसभा सीट भी शामिल है। बता दें कि राज्य में 288 सीटों पर चुनाव होने है। जिसके लिए 20 नवंबर की तारीख तय की गई है। वहीं, मतगणना 23 नवंबर को शुरू होगी। ऐसे में हम महाराष्ट्र की हर एक विधानसभा सीट का विश्लेषण करेंगे। जिससे संबंधित क्षेत्र से जुड़ा राजनीतिक समीकरण समझने में मदद मिल सके।
आज हम इस लेख के माध्यम से श्रीगोंदा विधानसभा सीट का समीकरण समझने की कोशिश करेंगे। इस क्षेत्र में पिछले साल भाजपा का दबदबा रहा है। इस वजह से इस बार भी भाजपा ने महिला उम्मीदवार पर दाव लगाया है।
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से एक श्रीगोंदा विधानसभा सीट अहमदनगर जिले में स्थित है। यह अमदनगर संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्र में से एक है। यह एक सामान्य श्रेणी की सीट है। पिछले 10 सालों में होने वाले 6 प्रमुख चुनावों की बात करें तो इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा भाजपा ने बाजी मारी है। जिसमें से दो बार एनसीपी ने बीजेपी को हराया था। इसमें विधानसभा और संसदीय चुनाव भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से कुछ सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। जिसमें श्रीगोंदा भी शामिल है। इस बार भाजपा ने इस सीट से पिछली साल के विधायक बबनराव पचपुते को टिकट नहीं दिया है। उनके खराब स्वास्थ्य के कारण वह इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। लेकिन उनकी जगह उनकी पत्नी श्रीमती प्रतिभा पचपुते को भाजपा ने टिकट दिया है। बता दें कि बबनराव पचपुते पर लोगों ने कई बार भरोसा जताया है। उनकी इस क्षेत्र पर अच्छी पकड़ है।
साल | उम्मीदवार | पार्टी |
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1980 | बबनराव पचपुते | जनता दल |
1985 | बबनराव पचपुते | जनता दल |
1990 | बबनराव पचपुते | कांग्रेस |
1999 | नागवडे शिवाजी नारायण | कांग्रेस |
2004 | बबनराव पचपुते | स्वतंत्र |
2009 | बबनराव पचपुते | स्वतंत्र |
2014 | राहुल कुंडालिकराव जगताप | एनसीपी |
2019 | बबनराव पचपुते | भाजपा |
साल 2019 में हुए चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार बबनराव पचपुते ने एनसीपी के घनश्याम शेलार को कुछ ही अंतर से हराया था। हालांकि भाजपा इस चुनाव में बढ़त लेने में कामयाब रही। वहीं बबनराव पचपुते ने साल 2004 और 2009 के चुनावों में भी जीत हासिल की है। इसके पहले भी वह जनता दल पार्टी से 1980 और 1985 में जीत हासिल कर चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर भी जीत हासिल की है। ऐसे में आंकड़ों देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्रीगोंदा की जनता पार्टी से ज्यादा बबनराव पचपुते पर भरोसा करती है।
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भाजपा ने इस बार बबनराव पचपुते के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी पत्नी को अपना उम्मीदवार चुना है। पिछले चुनावों को देखते हुए यह पता लगता है कि बबनराव का इस क्षेत्र में काफी दबदबा है। हालांकि इस बार एनसीपी और कांग्रेस भी यहां पर अपना दबदबा बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। आंकड़ों के अनुसार यह कहा जा सकता है कि इस बार का मुकाबला काफी कड़ा होने वाला है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि श्रीगोंदा की जनता किसको अपना उम्मीदवार बना सकती है।