सुलगता नागपुर...महल के बाद हंसापुरी में भड़की थी हिंसा, 'बाहर' से आए थे उपद्रवी?
Nagpur Violence All Updates: औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सोमवार देर रात महल इलाके में दो गुटों की बीच झड़प देखे को मिली। इसके बाद नागपुर के हंसापुरी में दूसरी हिंसा भड़क गई जहां अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, गाड़ियों को आग लगा दी और पथराव किया। इसके बाद से इलाके में तनावपूर्ण हालात बने हैं तथा भारी तादाद में सिक्योरिटी फोर्सेज़ तैनात है।
नागपुर के महल इलाके में पथराव, कई गाड़ियों में तोड़फड़ तथा आसपास के इलाके में आगजनी की गई है। इस घटना के बाद से ही पूरे शहर में तनाव की स्थिति है। ऐसे में नागपुर शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर तथा कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल ने कहा कि यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा।
शाम को भीड़ कहां से आई किसी को कुछ पता नहीं, बताया जाता है कि मोमिनपुरा से अग्रसेन चौक होते हुए सैकड़ों की तादाद में लोग महल में दाखिल हुए। इससे पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल दिखाई पड़ता है। इतनी संख्या में लोग जमा होने से तनाव बढ़ा। देर रात तक पुलिस परिसर में डटी हुई थी। सभी थानों से पुलिस बल मौके पर बुलाया गया।
महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने नागपुर में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है खान ने कहा कि यह एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और नागपुर में ऐसी हिंसा नहीं होनी चाहिए थी, जो अपने संतों के लिए जाना जाता है। रामनवमी के दौरान, यहां मुसलमानों ने हिंदुओं के स्वागत के लिए टेंट लगाए। यहां एक दरगाह है जहां सभी धर्मों के लोग – हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई – प्रार्थना करने आते हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा शहर के बाहर से आए असामाजिक तत्वों के द्वारा की गई थी। उन्होंने ये भी दावा किया कि इस हिंसा में शामिल लोग नागपुर के नहीं हैं। कुछ असामाजिक तत्व बाहर से आए और अशांति पैदा की।