मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी और राज्य की उपराजधानी को जोड़ने वाले मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेस-वे (Mumbai-Nagpur Samridhi Expressway) पर देश की सबसे चौड़ी और राज्य की सबसे लंबी सुरंग पूरी (Longest Tunnel) तरह बन कर तैयार है। समृद्धि ग्रीन एक्सप्रेस फील्ड-वे (Samruddhi Green Express Field-Way) के तीसरे चरण के पैकेज-14 के तहत एफकॉन कंपनी के माध्यम से नासिक और ठाणे जिले की सीमा पर इगतपुरी के पास वाशाला में इस अत्याधुनिक सुरंग का निर्माण किया गया है। एमएसआरडीसी के अनुसार, पुरे समृद्धि एक्सप्रेस-वे के रास्ते में बनने वाली छह सुरंगों में से यह सुरंग सबसे लंबी और चौड़ी है। यह दोहरी सुरंग बाएं ओर 7.78 किमी और दाईं ओर 7.74 किमी लंबी और 35 मीटर चौड़ी है।
मुंबई-नासिक महामार्ग पर इगतपुरी-कसारा घाट को पार करने में वाहनों को 20 से 25 मिनट लगते हैं, जबकि समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर इस सुरंग से मात्र 6 से 7 मिनट में दुर्गम घाट पार हो सकेंगे। ट्विन टनल को दो साल के रिकॉर्ड समय में बनाया गया है। इस जुड़वां सुरंग को 100 साल की आयु के साथ 120 किमी प्रति घंटे से अधिक की वाहनों की गति सीमा के लिए डिजाइन किया गया है। ‘न्यू ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड’ का इस्तेमाल कर बनी सुरंगों में आधुनिक वेंटिलेशन,अग्निशमन और सुरक्षा प्रणाली से सुसज्ज है। अग्नि सुरक्षा के लिए भारत में किसी भी सुरंग में अब तक का पहला हाई-प्रेशर वाटर मिस्ट सिस्टम लगा है। टनल के अंदर मल्टीपल क्रॉस पैसेज भी है।
इस रोड टनेल के साथ वायाडक्ट ब्रिज बनाने का चुनौती पूर्ण कार्य किया गया है। ऍफ़कॉन के प्रोजेक्ट मैनेजर शेखर दास के अनुसार, यह वायडक्ट 1.2 किमी की लंबाई के साथ एक संतुलित कैंटिलीवर कास्ट इन-सीटू ब्रिज है। इसकी ऊंचाई 60 मीटर (20 मंजिलों के बराबर) है। इस उच्चतम घाट ब्रिज को 35 पियर के साथ खड़ा किया गया। कुल 9 स्पैन में सबसे लंबा स्पैन 98 मीटर का है। दोनों तरफ दुर्गम पहाड़ियों के बीच तेज हवा और भारी बारिश का सामना करते हुए घाटी में 60 मीटर ऊंचा यह ब्रिज भी समय सीमा के अंदर बन कर तैयार हो गया है।
समृद्धि महामार्ग के सबसे कठिन कहे जाने वाले 13.1 किमी लंबे पैकेज-14 में 7.78 किलोमीटर लंबी जुड़वा सुरंगें, दो वायडक्ट्स, एक इंटरचेंज, एक टोल प्लाजा, कई क्रॉस पैसेज और बॉक्स पुलिया का काम शामिल है। इगतपुरी महाराष्ट्र में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है, यहां घाटी में बरसात के साथ वर्षभर कुहरा भी रहता है। प्रोजेक्ट मैनेजर शेखर दास ने बताया कि भारी वर्षा और चुनौतियों के बीच काम पूरा करने में सफलता मिली है। इस मार्ग के एक बार शुरू हो जाने पर यात्रा और पर्यटन का अनोखा अनुभव लोगों को होगा।