(कॉन्सेप्ट फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र से उद्योगों के पलायन के विपक्ष के आरोपों बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा दावा किया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में महाराष्ट्र एक बार फिर देश का नंबर 1 राज्य बना है।
सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर आंकड़े जारी करते हुए सीएम फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र ने एक वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य महज 6 महीनों में हासिल कर लिया है। फडणवीस के अनुसार महाराष्ट्र में महज छह महीनों में 1 लाख 13 हजार 236 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश आया है, जो कि पूर्व निर्धारित लक्ष्य के लगभग 95 फीसदी के बराबर है।
‘महाराष्ट्र अब रुकेगा नहीं’, शीर्षक वाली पोस्ट में फडणवीस ने राज्य की जनता को बधाई देते हुए लिखा है कि पुनः यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि हमारा महाराष्ट्र विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में लगातार अग्रणी बना हुआ है।
महाराष्ट्र आता थांबणार नाही!
वार्षिक सरासरीच्या 95 टक्के
एफडीआय अवघ्या 6 महिन्यात… पुन्हा अतिशय आनंदाने सांगतो की, आपला महाराष्ट्र सातत्याने परकीय गुंतवणूक (एफडीआय) आकर्षित करण्यात अग्रेसर आहे.
आता 2024-25 या आर्थिक वर्षातील सप्टेंबरला संपलेल्या दुसर्या तिमाहीची आकडेवारी आली… pic.twitter.com/D90Q6Ipq9W — Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 3, 2025
अब सितंबर महीने में समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के आंकड़े सामने आए हैं। इससे यह साफ हो गया है कि बीते 4 वर्षों में महाराष्ट्र में औसतन 1,19,556 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इसका मतलब है कि पूरे साल का 94.71 फीसदी निवेश सिर्फ 6 महीने में आ गया है।
सीएम ने आगे लिखा कि “मैं महाराष्ट्र को हृदय से बधाई देता हूं… मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मेरे सहयोगी उपमुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और पूरे मंत्रिमंडल के नेतृत्व में हमारे महाराष्ट्र की यह घुड़दौड़ इसी तरह जारी रहेगी।”
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बता दें कि प्रत्यक्ष विदेश निवेश यानी FDI के मामले में टॉप-10 राज्यों में महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल है। 10 में से चार प्रदेश ऐसे हैं जो कि भाजपा शासित हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जबकि अन्य राज्यों में इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों की सरकार है। महाराष्ट्र वित्त वर्ष 2023-24 में भी एफडीआई के मामले में शीर्ष पर रहा था।
महाराष्ट्र का एफडीआई 31 प्रतिशत है। वहीं कर्नाटक का 21 प्रतिशत, गुजरात का 16 प्रतिशत, दिल्ली का 13 प्रतिशत, तमिलाडु का 5 प्रतिशत, हरियाणा का 4 प्रतिशत, तेलंगाना का 4 प्रतिशत, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल का एक-एक प्रतिशत रहा।